उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने बुधवार को प्रदेशव्यापी धरना दिया और साथ ही मुख्यमंत्री योगी पर जमकर निशाना साधा। दरअसल, यूपी में जहरीली शराब के अवैध कारोबार और उसके सेवन से लगातार हो रही मौतों के लिये योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी की।
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में अवैध जहरीली शराब कारोबारियो का सिंडिकेट दिन प्रतिदिन मजबूत हुआ है जिसके चलते जहरीली शराब के सेवन से अब तक 500 से अधिक जाने गयीं हैं, परिवार उजड़ गए हैं, लेकिन शराब माफिया व्यवस्था के संरक्षण में बेखौफ होकर जहरीली शराब कारोबार में लगे हुए है।
उन्होने कहा कि अंबेडकर नगर, आजमगढ़ की घटना के बाद अलीगढ़ में जिस तरह 106 से अधिक लोगों की जाने गयी उससे साबित होता है कि सरकार शराब माफियाओं पर नकेल कसने में नाकाम हुई है अथवा उसे व्यवस्था का पूरा संरक्षण प्राप्त है। इतनी मौतों की जिम्मेदारी लेते हुए आबकारी मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
लल्लू ने अवैध शराब के सेवन से 500 मौतों के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए उजड़ परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने व अवैध जहरीली शराब कारोबारियों सहित आबकारी विभाग व सत्ता के उच्चपदों पर पदस्थ होकर इंसानी जानों से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की।
उन्होने कहा कि आबकारी विभाग के बढ़ते राजस्व से प्रसन्न मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को मनमानी करने की छूट दे दी है, जिस कारण प्रदेश में सरकारी कमीशनखोरी के चलते लगभग दस हजार करोड़ रुपये के अवैध जहरीली शराब का कारोबार फल-फूल रहा है, उन्होंने कहा कि यदि सरकार का इसे संरक्षण नही है, तो इतनी मौतों के बाद भी अंकुश क्यों नही लग पा रहा है। यह सवाल प्रदेश मुख्यमंत्री से पूछ रहा है।
कांग्रेसी नेता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब निर्माताओं व विक्रेताओं के सिंडिकेट को पूरा संरक्षण प्राप्त है, क्योंकि हर घटना के बाद कार्यवाही की बड़-बड़ बातें करने के बाद भी सब पूर्व की भांति हो जाता है। क्योंकि मुख्यमंत्री या आबकारी मंत्री कभी भी इनपर इस तरह की कार्यवाही नही करते कि उनके हौंसले पस्त हो बल्कि दिखावे की कार्यवाही की जाती है।