उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का इंतजार कर रहे भगवान राम के भक्तों के लिए एक बड़ी खबर आई है। बीते दो दिनों से राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक जारी थी, जो अब संपन्न हो गई है। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।
राम मंदिर की नींव का काम कैसे करना है, इसके बारे में जल्द ही उच्च तकनीकी विशेषज्ञों से रिपोर्ट मिलने वाली है। ऐसे में मंदिर का निर्माण आगामी 15 दिसंबर से शुरू हो सकता है। नींव का काम शुरू होने से पहले निर्माण समिति ने टाटा कंसल्टेंसी और L&T के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की थी, ताकि आगे चलकर काम में कोई बाधा ना आए।
अयोध्या सरयू के किनारे बसी है, ऐसे में जमीन में बालू की मात्रा अधिक है यही कारण है कि नींव को लेकर काफी ध्यान से काम लिया जा रहा है और राम मंदिर निर्माण की तारीख भी आगे बढ़ाई गई। राम मंदिर कुल 67 एकड़ भूमि में बनेगा, जो राम जन्मभूमि के तौर पर जानी जाती है। जबकि उसके बाहर भी राम मंदिर के अनुरूप ही विकास कार्य होगा।
इससे पहले जुलाई महीने में निर्माण समिति की बैठक हुई थी, जिसमें राम मंदिर के नए डिजाइन के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। पहले जहां मंदिर को दो मंजिला बनाने पर विचार हो रहा था, अब वो तीन मंजिला हो गया है। पुराने मॉडल के हिसाब से राम मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी जो अब 280 से 300 फीट होगी। वहीं, नए मॉडल में मंदिर की चौड़ाई बढ़कर 272-280 फीट के आसपास होगी जो पहले 140 फीट थी।
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5 अगस्त को पीएम मोदी के द्वारा अयोध्या में भूमि पूजन किए जाने के बाद राम मंदिर निर्माण के काम में काफी तेज़ी बढ़ी। ताजा जानकारी के मुताबिक राम जन्मभूमि परिसर में पत्थरों को ले जाने का काम भी शुरू हो चुका है। यह भी बताया जा रहा है कि वैदिक रीति-रिवाज से पूजन के बाद पत्थरों को ले जाने का काम शुरू किया गया है। एल एंड टी कंपनी की मशीनों द्वारा पत्थरों को ले जाने का काम किया जा रहा है। राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले भारी-भरकम पत्थरों को ले जाने के लिए क्रेन मशीन और ट्रक लगाए गए है।
अनिल मिश्रा राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्यने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘मंगलवार को बुलाई गई बैठक मुख्य रूप से अभी तक की तैयारी और राम मंदिर निर्माण के काम को लेकर थी। बैठक में निर्माण कार्य शुरू होने से पहले की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में फैसला लिया गया कि तकनीकी प्लान और डिजाइन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 दिसंबर से राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया जा सकता है। यह एक भव्य निर्माण है और ऐसे मामलों में वक्त लगता है। राम मंदिर निर्माण का काम तभी शुरू होगा, जब इसमें शामिल कंस्ट्रक्शन कंपनियां संतुष्ट होंगी।