तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना का Mi17 हेलीकॉप्टर बुधवार को हादसे का शिकार हो गया। हेलीकॉप्टर में देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 14 लोग सवार थे, जिसमें से 13 की मौत हो गई। हादसे में बचने वाले एक मात्र कैप्टन वरुण सिंह इस समय जिंदगी की जंग लड़ रहे है। उनकी सलामती के लिए उनके पैतृक गांव के साथ-साथ देशभर में दुआएं मांगी जा रही हैं।
हादसे में कैप्टन के बच जाने की खबर मिलने के बाद से ही उनके उत्तर प्रदेश में देवरिया स्थित पैतृक गांव कन्हौली में अपने लाल की सलामती के लिए शुरू हुआ प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर भी लोग कैप्टन वरुण सिंह की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं।
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पैतृक गांव में वरुण के बड़े चाचा दिनेश प्रताप सिंह व छोटे चाचा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह वायु सेना के अधिकारियों से संपर्क में है। अखिलेश प्रताप ने बताया कि वरुण गम्भीर रूप से घायल हैं। उनकी पत्नी गीतांजली तथा बच्चे मां के साथ हैं। उन्होंने बताया कि वरुण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई ओडिशा में हुई थी।
वह एनडीए की परीक्षा पासकर वायु सेना में अधिकारी बने। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह आर्मी में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुंबई में भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं। गौरतलब है कि पिछले साल एक उड़न के दौरान विमान में बड़ी तकनीकी खराबी के बाद भी कैप्टन वरुण सिंह ने विमान को हैंडल करने हुए विमान को सकुशल जमीन पर उतारा था। इस अदम्य साहस के लिए उन्हें 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उनके पैतृक गांव कन्हौली में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन तथा पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने घायल कैप्टन के परिजनों से मुलाकात की।