देश भर में फैले कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (बंद) लगा हुआ है जिसके कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हुए हैं। हालांकि लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्र सरकार द्वारा दी गई कुछ छूट के अनुसार ऐसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए कई श्रमिक स्पेशल ट्रेने भी चलाई गई हैं। ऐसे में देश की अलग-अलग राजनितिक पार्टियां और नेता राजनीती भी करने में जुटे हुए हैं।
इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपील करते हुए कहा कि इस महामारी के संकट के दौर में आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर प्रवासी मजदूरों पर ध्यान दें भाजपा और कांग्रेस।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट के जरिये कहा कि केन्द्र एवं महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अब भी बहुत बुरी तरह पिस रहे हैं, जो अति-दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।
1.केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अभी भी बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण। जरूरी है कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें ताकि कोरोना की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके।
— Mayawati (@Mayawati) May 27, 2020
उन्होंने कहा जरूरी है कि वे आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें, ताकि कोरोना वायरस की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी बर्बाद होने से बच सके।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वैसे भी चाहे भाजपा की सरकारें हों या फिर कांग्रेस पार्टी की… कोरोना वायरस महामारी और लम्बे लॉकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों एवं चिकित्साकर्मियों के हितों की उपेक्षा और प्रताड़ना जिस प्रकार लगातार की जा रही है, वह अनुचित है ओर देशहित में कतई नहीं है। सरकारें तुरन्त ध्यान दें।