उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 14 हजार के पार पहुंच गया है, जबकि मौत के 18 नए मामले सामने आने के बाद अब तक 417 लोग वायरस से जान गंवा चुके है। राज्य में 5064 केस एक्टिव हैं। वहीं 8610 ठीक हुए मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 18 और लोगों ने जान गंवा दी। अब तक 417 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले बढकर 14, 091 हो गए हैं। उन्होंने बताया, एकांतवास में 5081 लोगों को रखा गया है, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है। क्वारंटाइन में 7436 लोग रखे गए हैं।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 18 और लोगों ने जान गंवा दी। अब तक 417 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले बढकर 14, 091 हो गए हैं। उन्होंने बताया, एकांतवास में 5081 लोगों को रखा गया है, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है।
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क्वारंटाइन में रखे गए 7436 लोगों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। अगर जांच के बाद कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसे एल-1, एल-2 या एल-3 अस्पतालों में उसकी स्थिति के हिसाब से भर्ती करके इलाज कराया जाएगा अन्यथा क्वारंटाइन में रहने वालों को निर्धारित समयावधि पूरी हो जाने पर घर भेज दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रविवार को 13, 388 सैंपल की जांच की गई। अब तक 4, 66, 081 सैंपल की जांच की जा चुकी है। पूल सैम्पल के माध्यम से रविवार को ही पांच-पांच सैम्पल के 1237 पूल लगाए गए, जिनमें से 201 पाजिटिव निकले जबकि दस दस सैम्पल के 98 पूल लगाये गए , जिनमें से 20 पाजिटिव पाए गए।
प्रमुख सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु का लगातार उपयोग किया जा रहा है। जिन लोगों को इसके माध्यम से एलर्ट आए, ऐसे 81, 339 लोगों को स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष से फोन कर हालचाल लिया गया और आवश्यक सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने अब तक 16, 46, 312 प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के गांव गांव, घर घर जाकर उनका सर्वेक्षण किया है।
इनमें से 1455 में कोरोना वायरस संक्रमण के कोई ना कोई लक्षण पाए गए, जिनकी जांच करायी गई है। अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि ग्राम निगरानी समिति और मोहल्ला निगरानी समिति से लगातार संपर्क रखा गया। ग्राम प्रधानों और सभासदों से फोन पर बातचीत की गई। इसका परिणाम यह रहा कि जो लोग घर पर क्वारंटाइन में रखे गए हैं, वे उसका अच्छे से पालन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि फलस्वरूप गांवों में सैम्पलिंग कराई गई तो तो गांव के दूसरे सदस्य, जो पहले से वहां रह रहे थे, उनमें संक्रमण नहीं था। इसका मतलब है कि प्रवासी कामगारों ने अपने सामाजिक दायित्व का भलीभांति निर्वहन किया है। अमित मोहन प्रसाद ने जनता से अनुरोध किया कि जो लोग घर पर क्वारंटाइन में रखे गए हैं, वे उसका पालन करें ताकि आप अपने आस पडोस, मित्र साथियों को संक्रमण से बचा सकें।
घर में भी क्वारंटाइन का पालन करना है। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, दस साल से कम उम्र के बच्चों और पहले से बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखनी है। उन्हें संक्रमण से बचाकर रखना है क्योंकि देखा गया है कि जो भी जटिलताएं आयीं या जो मौतें हुईं, उनमें से 80 से 85 प्रतिशत लोगों को पहले से कोई ना कोई बीमारी थी।
उन्होंने बताया कि 5620 हॉटस्पाट (संक्रमण से अधिक प्रभावित) क्षेत्रों सहित कुल 17, 695 क्षेत्रों की निगरानी की गई है और 92, 09, 680 घरों में 4, 69, 53, 258 लोगों का सर्वेक्षण किया गया। ये कार्य निरंतर चल रहा है। प्रयास है कि हम लोगों को जागरूक करके जनता को इस बीमारी के बारे में बताकर सावधान रहने के लिए कहें। उनको समझा कर इस संक्रमण को लोगों से दूर रखने के लिए कहें।
अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया में वायरस को फैलाने वाला ‘कैरियर’ मच्छर होता है लेकिन कोरोना वायरस में मनुष्य ही वायरस का कैरियर है। अगर मनुष्य सावधान रहे कि हमें खुद को भी बचाना है और दूसरे को भी बचाना है तो हम संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ सकते हैं। संक्रामक बीमारी में संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ना बहुत महत्वपूर्ण है।