उत्तर प्रदेश मिर्जापुर जिले की अदालत के न्यायधीश वायुनन्दन मिश्र ने मंगलवार को यूपी के पुलिस महानिदेश को आदेश दिया है कि, वह कन्नौज जिले में तैनात उप पुलिस अधीक्षक (सीओ ) दीपक दुबे को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करे। कन्नौज जिले के पुलिस अधीक्षक पिछले चार सालों से अदालत में हाजिर नहीं हुए है। मामले में हाजिर नहीं हो रहे दुबे की कार्यप्रणाली से नाराज अदालत ने सौ रुपए का जुर्माना लगाते हुए उनके वेतन से यह राशि काट कर अदालत में जमा कराने को कहा है, साथ ही साथ एसपी लखनऊ और एसपी कन्नौज के खिलाफ भी यथोचित कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।
वर्ष 2010 का है मामला
आदेश के इस मामले में डीजीसी क्रिमिनल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश वायुनन्दन मिश्र की अदालत ने जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र में साल 2010 मे हत्या कर शव छिपाने का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसकी मामले की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक दुबे ने की थी। वर्तमान समय में दीपक दुबे कन्नौज जिले में तिर्वा क्षेत्र में सीओ पद पर तैनात है। दीपक दुबे को मुकदमें में साक्ष्य पेश करने के लिये कोर्ट में हाजिर होना है। अदालत में यह मामला जून 2017 से लंबित चल रहा है। इसमें पेशी के लिये अब तक अदालत द्वारा 42 वारंट या नोटिस जारी किये जा चुके हैं। इसके बावजूद दुबे अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं।
इस बार पेश नहीं हुए तो होगा कड़ी कार्रवाई
इस मामले में एसपी लखनऊ ने सात बार कानून व्यवस्था का हवाला देकर समय लिया है। मामला उच्च न्यायालय में पहुंचने पर इसके निपटारे में तेजी आयी है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को दीपक दुबे के खिलाफ गैर जमानती वारंट भेज कर गिरफ्तार कर बतौर साक्षी 12 नवंबर को अदालत में पेश करने को कहा है। अदालत ने कहा है कि, यदि दुबे अगली तारीख पर उपस्थित नहीं हुए तो इसे अदालत की अवमानना मानते हुये मामले को माननीय उच्च न्यायालय में प्रेषित कर दिया जायेगा।