बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने लेने की मांग की है। वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में बीजेपी के तीन विधायकों समेत कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है। जिसके बाद मायावती ने यह मांग रखी है।
उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया ‘‘ यूपी में बीजेपी के लोगों के ऊपर ‘राजनैतिक द्वेष’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह मांग।’’
यू.पी. में बीजेपी के लोगों के ऊपर ’’राजनैतिक द्वेष’’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 25, 2020
गौरतलब है कि प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकाल में वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में बीजेपी के तीन विधायकों समेत कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए अदालत में अर्जी दी गई है। यह अर्जी राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की अपर जिला जज (एडीजे) कोर्ट में दी है। मुजफ्फरनगर दंगे में कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे।
कवाल गांव की घटना के बाद सितम्बर 2013 में मुजफ्फरनगर नगला मंदोर में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ बगैर अनुमति के महापंचायत करने और धारा 144 के उल्लंघन समेत कई धाराओं में सिखेड़ थाने के तत्कालीन प्रभारी चरण सिंह यादव ने सात सितंबर, 2013 को दर्ज कराया था।
इसके अलावा सिखेड़ थाने में दर्ज मुकदमे में सरधना (मेरठ) से विधायक संगीत सोम, शामली से विधायक सुरेश राणा और मुजफ्फरनगर सदर से विधायक कपिल देव अग्रवाल के अलावा हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची का भी नाम इस मामले में शामिल है। मुकदमा वापसी की अर्जी पर कोर्ट में अभी कोई फैसला नहीं दिया है। याचिका पर अभी सुनवाई बाकी है।