उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मुहिम की याद दिलाते हुये मेडिकल छात्रों से कहा कि हर किसी को जनसेवा की भावना के साथ काम करना होगा वरना उन्हे जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।
श्री योगी ने बुधवार को यहां मेडिकल छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि उन्हे जनसेवा की भावना से काम करना होगा। अगर पैसा कमाने के लिये अनर्गल सहारा लिया तो जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।
उन्होने कहा कि एक छात्र को एमबीबीएस की डिग्री दिलाने में सरकार 10 करोड़ रुपये खर्च करती है, वो पैसा प्रदेश की जनता से वसूले गये टैक्स से आता है। डॉक्टर का संवेदनशील होना जरूरी है लेकिन आजकल डॉक्टर सीएमओ से मिलकर ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पताल में सिर्फ एक दिन ही जाते है। डॉक्टर पगार हमसे लेते हैं और नान प्रैक्टिस अलाउंस लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करते है जो सरासर गैरकानूनी है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा ‘‘ सरकारी पैसा कोई हजम नही कर सकता। आप लोग देख रहें हैं कि जिन लोगों ने दोनों हाथों और पैरों से सरकारी पैसा नोचा वो आजकल कहाँ जा हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बहराइच त्रिला अस्पताल का नाम बालार्क ऋषि अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का नाम राजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से 2015 तक प्रदेश में सिर्फ 12 मेडिकल कालेज थे जबकि हमने 2017 से 2019 दो साल में हमने 15 मेडिकल कालेज बनवाये जिसमे से छह में प्रवेश भी शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मुहिम की याद दिलाते हुये मेडिकल छात्रों से कहा कि हर किसी को जनसेवा की भावना के साथ काम करना होगा वरना उन्हे जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।
श्री योगी ने बुधवार को यहां मेडिकल छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि उन्हे जनसेवा की भावना से काम करना होगा। अगर पैसा कमाने के लिये अनर्गल सहारा लिया तो जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता।
उन्होने कहा कि एक छात्र को एमबीबीएस की डिग्री दिलाने में सरकार 10 करोड़ रुपये खर्च करती है, वो पैसा प्रदेश की जनता से वसूले गये टैक्स से आता है। डॉक्टर का संवेदनशील होना जरूरी है लेकिन आजकल डॉक्टर सीएमओ से मिलकर ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पताल में सिर्फ एक दिन ही जाते है। डॉक्टर पगार हमसे लेते हैं और नान प्रैक्टिस अलाउंस लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करते है जो सरासर गैरकानूनी है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा ‘‘ सरकारी पैसा कोई हजम नही कर सकता। आप लोग देख रहें हैं कि जिन लोगों ने दोनों हाथों और पैरों से सरकारी पैसा नोचा वो आजकल कहाँ जा हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बहराइच त्रिला अस्पताल का नाम बालार्क ऋषि अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का नाम राजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से 2015 तक प्रदेश में सिर्फ 12 मेडिकल कालेज थे जबकि हमने 2017 से 2019 दो साल में हमने 15 मेडिकल कालेज बनवाये जिसमे से छह में प्रवेश भी शुरू हो गया है।