उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि राज्य में डॉक्टरों को केवल नैदानिक और चिकित्सकीय कार्यों के लिए तैनात किया जाना चाहिए, न कि प्रशासनिक या प्रबंधन कार्यों के लिए। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ग्रैजुएट्स को ऑफिस वर्क के लिए नियुक्त किया जाए, जिससे रोजगार बढ़ाने का अवसर मिले।
मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों के अधिकारियों को डॉक्टरों को प्रशासनिक पदों से मुक्त करने का निर्देश दिया है ताकि वे मरीजों की देखभाल कर सकें। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के स्वीकृत 18,700 पदों में से लगभग 30 प्रतिशत पद खाली हैं। जबकि राज्य में मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को देखते हुए कम से कम 33,000 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 14,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की जरूरत है। महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि कम से कम 1,500 सरकारी डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर हैं।
वहीं, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट फामूर्ले का असर होने लगा है। इसी कारण सोमवार को कोरोना के नए मामले 1000 से भी कम होकर महज 700 सौ पहुंच गये हैं।
राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार 24 घंटे में टेस्ट 3.10 लाख टेस्ट किए गये हैं। अब राज्य में कोरोना के नए मामले महज 700 बचे हैं। अब सिर्फ मेरठ लखनऊ और गोरखपुर में 600 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। प्रदेश के किसी जिले में 100 से अधिक केस नहीं आए 2 जिलों में कोई केस नहीं आया 45 जिलों में सिंगल डिजिट में केस शेष में डबल डिजिट में मामले आए हैं। अब राज्य में कुल 15600 सक्रिय केस बचे हैं। इसके अलावा 2860 लोग डिस्चार्ज भी हो चुके हैं।
साथ ही यहां पर 5 करोड़ से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। इसके अलावा यहां पर 2.02 करोड़ टीकाकरण भी हो चुका है। वहीं, सक्रिय रोगियों की संख्या मात्र 37 दिनों में 90 फीसद से अधिक घट गई है। 30 अप्रैल को यह 3 लाख 10 हजार 783 थी। अब यह संख्या घटकर 17928 पर आ गई है। रिकवरी रेट लगातार सुधरते हुए करीब 98 फीसद तक पहुंच गई।
ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट को मूल मंत्र मानते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में उनकी पूरी टीम ने कोरोना के दूसरे चरण की जिस कठिन चुनौती का सामना किया उसके बेहतरीन नतीजे सबके सामने हैं। पहले चरण की तुलना में 30 से 50 फीसद संक्रामक कोरोना के दूसरे चरण को बैकफुट पर लाने के साथ योगी सरकार तीसरे चरण पर जीत का पुख्ता इंतजाम कर रही है।