उत्तर प्रदेश में सुभासपा ( सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने लाउडस्पीकर विवाद को लेकर बयान दिया है कि रैलियों में भी लाउडस्पीकर पर बैन लगा देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, महंगाई और बेरोजगाइ से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। इसके अलावा सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक की मांग पर भी उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि, देश में संविधान ने सभी को अपने-अपने हिसाब से पूजा-अर्चना करने की आजादी दी है।
हिम्मत हैं तो भाजपा अपनी रैलियों में लाउडस्पीकर उतरके दिखाए
राजभर ने कहा एक तरफ मस्जिद पर से लाउडस्पीकर उतारे है रहे हैं, लेकिन सरकार शादियों में डीजे पर रोक क्यों नहीं लगा रही है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, यदि हिम्मत है तो वह अपनी रैलियों में लाउडस्पीकर पर रोक लगाए। सड़को पर नमाज पढ़ने पर रोक को लेकर राजभर ने कहा कि, मस्जिद में भीड़ होती है इसलिए लोग बाहर आकर नमाज पढ़ते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि, अब कावड़ यात्रा आ रही है, वह कहा करेंगे अंदर या बाहर? सड़क पर ही तो करेंगे न।
हिम्मत हैं तो भाजपा अपनी रैलियों में लाउडस्पीकर उतरके दिखाए
राजभर ने कहा एक तरफ मस्जिद पर से लाउडस्पीकर उतारे है रहे हैं, लेकिन सरकार शादियों में डीजे पर रोक क्यों नहीं लगा रही है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, यदि हिम्मत है तो वह अपनी रैलियों में लाउडस्पीकर पर रोक लगाए। सड़को पर नमाज पढ़ने पर रोक को लेकर राजभर ने कहा कि, मस्जिद में भीड़ होती है इसलिए लोग बाहर आकर नमाज पढ़ते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि, अब कावड़ यात्रा आ रही है, वह कहा करेंगे अंदर या बाहर? सड़क पर ही तो करेंगे न।
ब्राह्मण कभी खुद को हिंदू नहीं कहता है : राजभर
सुभासपा प्रमुख ने पूछा कि, लोग कितनी देर तक नमाज पढ़ते हैं? जबकि दूसरी तरफ देखिए कांवड़ यात्रा में सड़क पर कब्ज़ा कर लिया जाता है। लोग चल तक नहीं पाते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा, बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि कांवड़ यात्रा लेकर चलते रहोगे तो कुछ नहीं बन पाओगे। राजभर ने पूछा, क्या एक भी ब्राह्मण के बेटा कांवड़ यात्रा में जाता है ? ब्राह्मण कभी खुद को हिंदू नहीं कहता है। कांवड़ यात्रा में शूद्र ही जाते हैं, पिछड़े दलित ही हिंदू हैं।
सुभासपा प्रमुख ने पूछा कि, लोग कितनी देर तक नमाज पढ़ते हैं? जबकि दूसरी तरफ देखिए कांवड़ यात्रा में सड़क पर कब्ज़ा कर लिया जाता है। लोग चल तक नहीं पाते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा, बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि कांवड़ यात्रा लेकर चलते रहोगे तो कुछ नहीं बन पाओगे। राजभर ने पूछा, क्या एक भी ब्राह्मण के बेटा कांवड़ यात्रा में जाता है ? ब्राह्मण कभी खुद को हिंदू नहीं कहता है। कांवड़ यात्रा में शूद्र ही जाते हैं, पिछड़े दलित ही हिंदू हैं।