उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने देश की अर्थव्यवस्था के हालात को ‘आर्थिक सुस्ती’ करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के ताजा कदमों से अर्थव्यवस्था में ‘चुस्ती’ आ जाएगी। शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को आर्थिक मंदी नहीं बल्कि ‘आर्थिक सुस्ती’ कहा जाना चाहिये। इस वक्त अमेरिका और यूरोपीय देशों में मंदी का दौर चल रहा है, जिसका परोक्ष असर भारत पर पड़ रहा है।
उन्होंने दावा किया कि निर्यात को बढ़ावा देने और आयात कम करने के साथ-साथ लोगों को कम दाम पर स्वदेशी वस्तुएं उपलब्ध कराने से अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी जा सकती है। शर्मा ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा कई बैंकों के परस्पर विलय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1.76 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त संचय सरकार को दिये जाने से अर्थव्यवस्था में व्याप्त बीमारी दूर होगी। इससे नये उद्यमियों को कर्ज देने और सम्पूर्ण परिदृश्य में सुधार करने में मदद मिलेगी।
मंत्रियों के अटपटे बयानों से अर्थव्यवस्था का कल्याण नहीं होगा : यशवंत सिन्हा
बैंकों के भारी एनपीए के लिए 2004 से 2014 के बीच केन्द्र में रही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को जिम्मेदार बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने ठीक से जांचे-परखे बगैर लोगों को कर्ज दिया, जिसकी वजह से बैंकों का यह हाल हुआ।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 5,00,000 करोड़ (5 ट्रिलियन) डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य जरूर पूरा होगा और इसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी 1,00,000 करोड़ (एक ट्रिलियन) डॉलर की होगी।