उत्तर प्रदेश सरकार ने लघु उद्योगों की संस्थाओं के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया है जिनके जरिए 11 लाख श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने भाषा को बताया कि ‘स्किल मैपिंग’ से सरकार ‘हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार’ उपलब्ध करवा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि बाहर के प्रदेशों से वापस आ रहे कामगारों को रोजगार में लगाने की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इंडियन इंड्रस्टीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच करार हुआ।
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से वापस आ रहे श्रमिकों और कामगारों को रोजगार मुहैया करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संबंध में कौशल विकास व राजस्व विभाग द्वारा कामगारों की स्किल मैपिंग (कौशल की जानकारी जुटाना)की जा रही है तथा यह स्किल मैपिंग लगभग पूरी हो चुकी है। कामगारों को प्रदेश में रोजगार देने के लिए लघु उद्योग सबसे बड़ा साधन है।
उन्होंने कहा कि सरकार स्किल मैपिंग से ‘हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार’ उपलब्ध कराने के प्रयास को आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को औद्योगिक एसोसिएशन के साथ बैठक की और लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों के रोजगार के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इंडियन इंड्रस्टीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए इस करार से 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अंदर या बाहर से आने वाले हमारे जितने भी श्रमिक हैं, उनके हाथों को कार्य मिल सके, इसके लिए निरंतर प्रयास हो रहा है। मेरा यह मानना है कि जितने भी कामगार व श्रमिक आ रहे हैं, वे हमारी ताकत हैं, अब हम इस ताकत का इस्तेमाल, नये उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए कर रहे हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाने के लिए स्किल मैंपिग की कार्यवाही हो रही है। अब तक 18 लाख से अधिक श्रमिकों की स्किल मैंपिग हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों व श्रमिकों की सुरक्षित प्रदेश वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।