देश में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान से जुड़ी कई लापरवाहियां सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा शहर में केंद्रीय मंत्रियों के नाम पर कोरोना की पहली डोज लगा दी गई और उनके नाम से सर्टिफिकेट भी जारी हुए हैं। हैरानी वाली बात है कि सर्टिफिकेट में जिस सेंटर पर इस वैक्सीन को लगाने की बात कही जा रही है वहां कोरोना की वैक्सीन लगती ही नहीं है।
दरअसल, मामला इटावा की ताकहा तहसील के सारसेनावार गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है। इटावा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भगवान दास ने बताया किसी ने हमारी आधिकारिक वेबसाइट हैक कर ली और यह काम जिले में कोराना टीकाकरण अभियान को बदनाम करने के लिए किया गया है। ये सभी सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी किए गए हैं और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह एक षड़यंत्र का हिस्सा है।
सर्टिफिकेट में 33 के शाह, 30 के गडकरी और 26 साल के लोकसभा स्पीकर
जारी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में अमित शाह की उम्र 33, नितिन गडकरी की उम्र 30, पीयूष गोयल की उम्र 37 और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की उम्र 26 साल दिखाई गई है। सर्टिफिकेट के मुताबिक, इन सभी को वैक्सीन की पहली डोज 12 दिसंबर 2021 को लगी है। दूसरी डोज के लिए 6 मार्च से 3 अप्रैल 2022 के बीच की तारीख दी गई है। इन सभी सर्टिफिकेट में वोटर आईडी नंबर का प्रयोग किया गया है और वैक्सीनेशन सेंटर एक ही दिखाया गया है।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है और तीन सदस्यीय एक टीम गांव में जांच के लिए गई है। ये सभी प्रमाणपत्र उन लोगों के नाम पर जारी किए गए है जिन्हें 12 दिसंबर को कोराना का पहला टीका लगाया गया था। इन पर कोरोना के दूसरी डोज की तारीख पांच मई 2022 और तीन अप्रैल 2022 दी गई है। इटावा जिले में 236 स्थानों पर कोरोना वैक्सीशन सेंटर बनाए गए हैं और ये सभी सरकार की तरफ से संचालित हैं।