उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, मंडी परिषद, सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, आवास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आदि विभागों की करीब चार लाख किलोमीटर सड़कें हैं। हर एक सड़क पर चलना आम आदमी के लिए सुखद अनुभव वाला हो, यह सभी की जिम्मेदारी है। मेट्रो/एक्सप्रेस-वे जैसी बड़ी परियोजनाओं के कारण यदि पूर्व से संचालित सड़कें खराब होती हैं तो खराब होने के कारक विभाग को उत्तरदायी बनाया जाएगा।