उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों में से 2 के परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। परिजनों ने मांग की है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'खेल' हो सकता है। इसलिए हम अभी अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
अंतिम सस्कार ना करने की खबर मिलते ही लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह धौरहरा किसान नक्षत्र सिंह के गांव पहुंचीं। वह परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश में जुटी हैं।
मारे गये चार किसान परिवारों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी
किसानों के बीच समझौते के तहत लखीमपुर में मारे गये चार किसान परिवारों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को स्थानीय स्तर पर सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। जबकि घायलों को बेहतर इलाज के लिये 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। किसानों की मांग पर मामले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायधीश से करायी जायेंगी।
किसानों की मांग पर पूरे मामले की प्रभावी जांच जल्द से जल्द करायी जायेंगी
किसानों की मांग पर पूरे मामले की प्रभावी जांच जल्द से जल्द करायी जायेंगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत 9 लोगों की मौत हो गई।
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