उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद की हत्या ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। उसके द्वारा स्थापित करोड़ों रुपये के आपराधिक साम्राज्य के बारे में वर्तमान में एक बड़ी बहस चल रही है। अतीक के दो बेटे जेल में हैं, जबकि दो अन्य नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। अतीक की पत्नी व परिवार के कई अन्य सदस्य फरार हैं। ऐसे में अतीक द्वारा अवैध रूप से अर्जित हजारों करोड़ रुपये और संपत्ति का मालिक कौन होगा? यह एक बड़ा सवाल बन गया है
तीन दशक में करीब 1200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का साम्राज्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक ने पिछले करीब तीन दशक में करीब 1200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का साम्राज्य खड़ा किया था। अभी भी अतीक की अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बता दें, ईडी ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर से पहले अतीक और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी को तब 15 ठिकानों से 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं। ये संपत्तियां या तो अतीक के नाम पर हैं या उसके परिवारवालों के नाम पर हैं। इसी दौरान ED को अतीक के नाम दर्ज लखनऊ में 47 लाख रुपये की कीमत के 5900 Sqmt में बने मकान के सबूत भी मिले। अतीक अहमद ने साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर का प्लॉट सिर्फ 29 लाख रुपये में लिखवा लिया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपये थी।
अतीक की संपत्ति का कौन दावेदार?
अतीक की मौत के बाद ये सवाल सबसे बड़ा है, कि क्या उसकी पत्नी और उसके दोनों बेटों को काली कमाई की पूरी जानकारी है? खबरों के मुताबिक अतीक और अशरफ के जेल जाने के बाद शाइस्ता ने जमीन से जुड़े अवैध कारोबार को अपने हाथों में ले लिया। उमेश पाल की हत्या के पीछे शाइस्ता की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। उमेश पाल की हत्या में नाम आने के बाद से ही वह फरार है।
अतीक ने पुलिस को 14 लोगों के नाम बताए थे जो फंडिंग किया करते थे
यही नहीं, मारे जाने से पहले अतीक ने पुलिस को 14 ऐसे लोगों के नाम बताए थे, जो उसे फंडिंग किया करते थे। ये रकम शाइस्ता परवीन तक पहुंचाई जाती थी। इसलिए पुलिस ने शाइस्ता की तलाश तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, अतीक अहमद ने पुलिस की पूछताछ में ऐसी 200 से अधिक फर्जी कंपनियों के बारे में बताया है, जिससे उसकी काली कमाई का कनेक्शन है। शाइस्ता परवीन आखिरी बार तभी दिखी थी, जब प्रयागराज में उसके घर को गिराया जा रहा था। तब अपनी ननद यानी अतीक की बहन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई शाइस्ता ने अतीक की जान को खतरा बताया था।
असद को बचाने के लिए नेपाल भेजने की कोशिश
शाइस्ता परवीन की तलाश जारी सूत्रों के मुताबिक असद का नाम सामने आने के बाद शाइस्ता परवीन ने पहले असद को बचाने के लिए नेपाल भेजने की कोशिश की। लेकिन एसटीएफ की सख्ती की वजह से ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद शाइस्ता ने शूटर गुलाम को असद के साथ ही रहने को कहा। इसी बीच शाइस्ता ने असद के लिए फंडिंग का इंतजाम भी शुरू कर दिया। खबर है कि शाइस्ता किसी तरह असद को देश से निकालकर खाड़ी के किसी देश में शिफ्ट करने की भी कोशिश कर रही थी। लेकिन पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेजों की दिक्कत के कारण ऐसा नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को ये भी पता चला कि असद को छिपाने के लिए जब शाइस्ता ने पैसे की जरूरत बताई तो अतीक के कहने पर लखनऊ के एक बिल्डर मुस्लिम खान ने शाइस्ता के पास 80 लाख रुपये की खेप पहुंचाई थी। हालांकि बाद में जब अतीक अहमद के ठिकानों पर छापे पड़े तो खबर है कि पुलिस को वहां हथियार और कारतूसों के अलावा 75 लाख रुपये और 50 शेल कंपनियों के दस्तावेज भी मिले थे।
अतीक का जीवन
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था। अतीक के पिता हाजी फिरोज तांगा चलाते थे। अतीक का पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता था, वो 10वीं में फेल हो गया। इसके बाद वो इलाके के बदमाशों की संगत में आ गया। पैसों की खातिर उसकी जुर्म की दुनिया में एंट्री हुई। इसके साथ ही वह मारपीट, अपहरण और रंगदागरी वसूलने जैसे काम करने लगा। जब अतीक अहमद सिर्फ 17 साल का था तो उस पर हत्या का आरोप लगा था।