सरकार किसानों को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन सच्चाई तो यह है कि आज भी देश का अन्नदाता कर्ज के बोझ तले दबा हुआ। कर्ज से बाहर न आने पर आज भी किसान मौत को गले लगा रहा है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के बरई मानपुर (शेरपुर) गांव में एक किसान ने कर्ज के दवाब में आकर आत्महत्या कर ली।
किसान आवारा मवेशियों से फसल की रखवाली के लिए खेत में ही रात गुजारा करता था। गिरवां थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बलजीत सिंह ने शुक्रवार को बताया कि “गुरुवार को बरई मानपुर (शेरपुर) गांव में किसान चुनबद्दी (55) का शव उसके खेत में लगे बबूल के पेड़ से लटका हुआ पाया गया।”
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उन्होंने बताया, “किसान आवारा मवेशियों से फसल की रखवाली के लिए खेत में ही रात गुजारा करता था। पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और घटना की सूचना राजस्व अधिकारियों को दे दी गयी है।”
किसान की पत्नी गंगिया देवी के हवाले से एसएचओ ने बताया, “उसके पति पर ढाई लाख रुपये सरकारी बैंक का कर्ज था, जिसे वापस करने का दबाव था। संभवतः कर्ज वापसी के दबाव में उसने आत्महत्या की होगी। मामले की जांच की जा रही है।”