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गृह राज्य मंत्री की ‘दो मिनट में सुधर जाने की चेतावनी ‘ के बाद भड़के किसान, जानिये कौन है अजय कुमार मिश्रा

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस माह से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के कथित तौर पर उस बयान के बाद और बढ़ गई जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधर जाने’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस माह से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के कथित तौर पर उस बयान के बाद और बढ़ गई जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधर जाने’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी। 
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चेतावनी के भाषण का वीडियो हुआ था वायरल 
गृह राज्य मंत्री और लखीमपुर खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा का कुछ दिनों पहले अपने गृह जिले की एक सभा में किसानों को दी गई चेतावनी का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि “सामना करो आकर, हम आपको सुधार देंगे, दो मिनट लगेगा केवल।” 

जानिये मंत्री जी ने क्या कहा 
एक समारोह में मंच से गृह राज्यमंत्री कह रहे हैं, “मैं केवल मंत्री नहीं हूं, सांसद, विधायक भर नहीं हूं, जो विधायक और सांसद बनने से पहले मेरे विषय में जानते होंगे उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं।” मिश्रा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम कर लिया उस दिन पलिया नहीं, लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जाएगा, यह याद रहे।”
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भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे थे किसान  
जानकारों के अनुसार मिश्रा पिछले महीने के आखिरी हफ्ते अपने संसदीय क्षेत्र में गये थे जहां कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इससे गृह राज्य मंत्री नाराज हो गये और उन्होंने काले झंडे दिखाने वालों को यह गंभीर चेतावनी दे दी। इसके बाद से किसान उनके खिलाफ आंदोलित थे और बनबीरपुर में उनके पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध कर रहे थे। 
क्या कहना है किसान नेताओं का 
किसान नेता गुरमीत सिंह ने खीरी के तिकोनिया में एक समाचार चैनल को बताया, “25 तारीख को गृह राज्यमंत्री पलिया से आगे संपूर्णानगर की तरफ आये थे तो हमारी यूनियन (क्रांतिकारी किसान यूनियन) और भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने उनको काले झंडे दिखाए तो वे मंच पर चढ़े और उन्होंने बोला, “मैं बहुत बड़ा गुंडा हूं…मैं हिसाब बराबर कर दूंगा…मेरे बारे में जानते नहीं हो…, इस तरह की धमकी दी।” 
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किसानों का दावा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे 
गुरमीत ने कहा, ”हम लोगों को पता चला कि उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तीन अक्टूबर को ‘टेनी’ के घर पर किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं तो संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया कि उनको शांतिपूर्ण तरीके से काले झंडे दिखाए जाएंगे। किसान आए और जहां हेलीपैड बना था वहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठ गये। 
किसानों को कुचलने का लगाया आरोप 
इसके बाद पता चला कि मौर्य सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो किसान तीन किलोमीटर तक सड़क के किनारे खड़े हो गये। जब पता चला कि मौर्य जी किसी दूसरे रास्ते से चले गये तो किसान वापस जाने की तैयारी में लग गये और उसी बीच यह घटना हुई।” गुरमीत सिंह ने आरोप लगाया कि गृह राज्य मंत्री के पुत्र और उनके समर्थकों की गाड़ियों ने किसानों को कुचल दिया। 
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अब तक हुई हिंसा में आठ लोगों की हुई मौत 
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। 
 क्या है केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का कहना 
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने रविवार को एक चैनल से कहा था कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकोनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया जिससे वह गाड़ी पलट गई। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। 
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मंत्री जी ने बब्बर खालसा का लिया नाम 
उन्होंने दावा किया, ”बब्बर खालसा जैसे संगठन किसानों के विरोध में शामिल हो गए हैं।” मिश्रा ने बताया, “भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं और हमारे एक ड्राइवर की भी मौत हो गई है, दो वाहन जल गए हैं और 6-7 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पार्टी के 10 से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”
अजय मिश्रा ने अपने बेटे के शामिल होने से किया इंकार 
अजय मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या उनका बेटा उन वाहनों में से एक में था, जिसे कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, तो उन्होंने कहा, “नहीं। अगर वह उस कार में होता, तो वह जिंदा नहीं होता।” उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है। 
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कैसा रहा है अजय कुमार मिश्रा करियर 
गौरतलब है कि जिला पंचायत सदस्य से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले अजय कुमार मिश्रा वर्ष 2012 में खीरी जिले के निघासन विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुने गये और पार्टी ने 2014 में उन्हें खीरी लोकसभा से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गये। 2019 में उन्हें भाजपा ने दोबारा मौका दिया और वह पुन: लोकसभा का चुनाव जीत गये। 
अजय कुमार मिश्रा पर हत्या समेत कई आपराधिक मामले थे दर्ज 
जुलाई के पहले हफ्ते में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया तो उत्‍तर प्रदेश के तीन दलित और तीन पिछड़े सांसदों के साथ ही इकलौते ब्राह्मण अजय कुमार मिश्रा को मंत्रिमंडल में शामिल किया। मिश्रा को गृह राज्य मंत्री जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला। पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में उन्हें आगे किया और उनकी यात्रा और कई सभाएं भी आयोजित की गई। हालांकि अजय कुमार मिश्रा पर हत्या समेत कई आपराधिक मुकदमे भी पूर्व में दर्ज थे जिसमें वह हत्या के मामले में अदालत से बरी हो गये। 

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