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बुंदेलखंड के किसानों की आय में इजाफा करेगी लेमनग्रास की खेती

बायोमेडिकल विभाग की प्रयोगशाला में किया गया जिसमें तेल की मात्रा और गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पायी गयी।

बुंदेलखंड के गरीब और सूखे से बेहाल किसानों की आय में इजाफा कर उनकी आर्थिक स्थिति में प्रयासरत केंद, और राज्य सरकार के प्रयासों से इस क्षेत्र में औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन के लिए स्वीकृत परियोजना के तहत चयनित पौधों लेमनग्रास और रोसाग्रास की किस्मों का फील्ड ट्रायल सफल रहा है जिसके बाद इस क्षेत्र में कम खर्च और कम पानी में सुगंधित पौधों की खेती की उम्मीदें काफी बढ गयी हैं। 
परियोजना प्रबंधक डा़ रामबीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि यहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बायोमेडिकल विभाग को केंद, सरकार के बायोटेक्नॉलजी विभाग द्वारा औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन के लिए स्वीकृत परियोजना के तहत चयनित पौधों लेमनग्रास और रोसाग्रस की किस्में उपलब्ध करायीं गयीं थीं, जिनका सफल फील्ड ट्रायल विश्वविद्यालय के कृषि फार्म में किया गया। 
ट्रायल में लेमनग्रास और रोसाग्रास की किस्में बुंदेलखंड की जलवायु के अनुरूप पायी गयीं। इन किस्मों से प्राप्त तेल की गुणवत्ता का परीक्षण भी विश्वविद्यालय की इनोवेशन और बायोमेडिकल विभाग की प्रयोगशाला में किया गया जिसमें तेल की मात्रा और गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पायी गयी। 
उन्होंने बताया कि इन फसलों के उत्पादन को बुंदेलखंड में बढावा देकर यहां किसानों की आय में अच्छी खासी बढोतरी की जा सकती है। यह फसल पूरी तरह से इस क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल है साथ ही कम खर्च में फसल की अच्छी कीमत मिलती है जिससे किसानों को फायदा होगा। 
किसानों द्वारा उगायी गयी फसल की गुणवत्ता का परीक्षण विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में ही किया जायेगा और ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि किसानों को पौध सीधे प्राप्त हो पाये और वह निर्धारित केंद्रों पर अपना उत्पाद बेच पायें। पिछले कुछ समय से किसानों को इस फसल के उत्पादन के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त किसानें के अलावा यदि अन्य किसान भी सुगंधित पौधों की खेती को अपनाकर अपने आर्थिक स्तर में सुधार के लिए प्रयास करना चाहते हैं तो उन्हें पूरी जानकारी मुहैया करायी जायेगी।

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