उत्तर प्रदेश के नौकरशाहों और अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भ्रमण से लौटने के सप्ताहभर बाद मुख्यमंत्री के समक्ष यह बताना होगा कि उन्होंने वहां पर क्या-क्या सीखा और प्रदेश में उसकी क्या उपयोगिता है। उन्हें मुख्यमंत्री के सामने इसका पूरा प्रेजेंटेशन देना होगा।
शासन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि विदेश भ्रमण पर गए अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान मिले ज्ञान और नीतियों को प्रदेश के विकास में उपयोग में लाया जा सके और इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि भविष्य में जिम्मेदारी देते समय ऐसे अधिकरियों को प्राथमिकता भी दी जाएगी, जिससे उनके अनुभव और विशेष ज्ञान पर अमल हो सके।
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अधिकारी ने बताया, “हर वर्ष तमाम अधिकारी विभागध्यक्ष, केन्द्रीय व विदेशी संस्थाओं की ओर आयोजित कार्यक्रम और सेमिनार में भाग लेने के लिए विदेश जाते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुमति भी लेनी पड़ती है। लेकिन प्रशिक्षण के बाद की प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री को नहीं हो पाती।
जिस कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्णय लिया कि विदेश जाने वाले अधिकारियों को प्रशिक्षण भ्रमण से लौटने के एक सप्ताह बाद वहां के अनुभव का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री के सामने देना पड़ेगा।” इस बारे में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.पी. गोयल ने शासन के सभी अपर मुख्य सचिवों, सचिवों व विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है।