पुलिस ने पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी की संपत्ति उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कुर्क की है, जो 2008 में पीडब्ल्यूडी इंजीनियर मनोज कुमार गुप्ता की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। दिसंबर 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन समारोह के लिए चंदा देने से इनकार करने के बाद तिवारी ने अपने सहयोगियों के साथ 25 दिसंबर, 2008 को औरैया में गुप्ता की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
वही, तिवारी ने 2009 में आत्मसमर्पण कर दिया और बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया। उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। मई 2011 में, तिवारी को गुप्ता के अपहरण और हत्या के आरोप में 9 अन्य लोगों के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तिवारी की पत्नी विभा को भी सबूत नष्ट करने के आरोप में 30 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी।
पत्नी को भी सुनाई गई है सजा
गैंगस्टर के दर्ज मामले को लेकर चल रही सुनवाई के बीच जिला जज के कोर्ट के आदेश के बाद संपत्ति कुर्क करने की कवायद शुरू हो गई। इसके बाद, पुलिस और प्रशासन की ओर से औरैया के उमरसाना मौजे गांव में तिवारी की 0.8 हेक्टेयर जमीन कुर्क करने की घोषणा की गई। जमीन की कीमत करीब 47.49 लाख रुपये आंकी गई है। अंचल अधिकारी सदर सुरेंद्र नाथ यादव ने बताया कि तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट मामले में कोर्ट ने जमीन कुर्क करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘भूमि अगले आदेश तक सदर तहसील के कब्जे में रहेगी।’