नोएडा के श्रीकांत तयागी को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद बढ़ता जा रहा है। उसके बीजेपी से ताल्लुख होने की भी संभावना जताई जा रही है। लेकिन, अब भाजपा के पूर्व मंत्री और अब समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वघोषित राजनेता श्रीकांत त्यागी के साथ अपनी कथित नजदीकियों की बात का कड़ा खंडन किया है। मौर्य ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर श्रीकांत त्यागी से जुड़े मामले को लेकर देश के लोगों को ‘झूठ के जाल’ में फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
वही, नोएडा में ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला के साथ मारपीट और गाली-गलौज के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद चार दिन से फरार चल रहे त्यागी को नोएडा पुलिस ने मंगलवार को मेरठ में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद नोएडा के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कहा कि त्यागी के एक वाहन पर ‘विधायक’ का स्टिकर था। त्यागी का कहना है कि उन्हें यह स्टिकर उनके ‘पुराने राजनीतिक सहयोगी’ स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था।
मौर्य का आरोप- मुझ पर गलत आरोप लगाया जा रहा
इसी के साथ सिंह ने कहा, ‘हम इस जानकारी की पुष्टि कर रहे हैं। उनके ड्राइवर ने कार की नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतीक चिन्ह चित्रित किया था। गैंगस्टर अधिनियम के तहत जांच चल रही है।’ मौर्य ने कुशीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा लोगों को ‘झूठ के जाल’ में फंसाने की कोशिश कर रही है। मैं महीनों से उत्तर प्रदेश विधानसभा नहीं गया हूं।’
वही उन्होंने कहा, ‘पिछले सात से आठ महीनों में कोई पास नहीं बना है। मैं 11 जुलाई को एमएलसी बना और तब से कोई पास नहीं बना। मैंने श्रीकांत त्यागी को कोई पास नहीं दिया। यह सब भाजपा का खेल है जो अपनी गलती के लिए मुझ पर दोष मढ़ने का इरादा रखती है। बेशक, मैं उनसे (श्रीकांत त्यागी) 2017 में मिला था, जब मैं बीजेपी का नेता था। उसके बाद वह मुझसे कभी नहीं मिले।’ सपा एमएलसी ने श्रीकांत त्यागी मुद्दे पर भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘उन्हें (श्रीकांत) आधा दर्जन सुरक्षाकर्मी आवंटित किए गए थे। क्या यह भाजपा सरकार के आशीर्वाद के बिना संभव है?’