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उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली राहत, जानें क्या है मामला

उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों की 2019 दुर्घटना मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बरी कर दिया है।

उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों की 2019 दुर्घटना मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर  को बरी कर दिया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो  ने भी उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता संबंधी 2019 सड़क हादसा मामले में किसी भी तरह की साजिश से इनकार किया था। दरअसल, कोर्ट ने सीबीआई की जांच के इसी परिणाम को बरकरार रखा है।
बता दें कि एक्सीडेंट का मामला 2019 का है। रेप पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। लेकिन रास्ते में उसकी कार दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस हादसे में रेप पीड़िता का वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था। लंबे इलाज के बाद उसकी मौत हो गई थी। अगस्त में हुई सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट  ने कहा था कि शिकायतकर्ता की बातें एक रोमांचक कहानी की तरह लग रही है। कोर्ट ने कहा कि ये एक अनुमान पर आधारित है।
एक्सीडेंट मामले में कुलदीप सेंगर बरी
कोर्ट के कहा कि सीबीआई जांच की सटीकता और ईमानदारी पर शक करने की कोई भी वजह उनके पास नहीं है। तीस हजारी कोर्ट ने माना कि एक्सीडेंट मामले में उन्हें कुलदीप सेंगर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी पर एक्सीडेंट का कोई केस नहीं बनता है। बता दें कि एक्सीडेंट की घटना के बाद पीड़िता के चाचा ने कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत 10 नामजद और करीब 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। जांच के बाद सीबीआई ने एक्सीडेंट को महज एक हादसा बताया था।
कुलदीप सेंगर पर था एक्सीडेंट का आरोप
बता दें कि जून 2017 में उन्नाव के एक गांव की रहने वाली एक नाबालिग ने कुलदीप सेंगर और उसके साथियों पर रेप का आरोप लगाया था। लेकिन आरोप लगने के बाद लड़की अचानक गायब हो गई थी। थाने में लड़की के परिवार ने मामले की शिकायत की थी। लेकिन 9 दिन बाद वह औरैया के एक गांव में मिली थी. 4 अप्रैल 2018 में पीड़ित के पिता की पिटाई की गई। पुलिस ने उल्टा घायल के खिलाफ ही रिपोर्ट लिखी और 7 अप्रैल को उसे जेल भेज दिया था. जिसके बाद पीड़िता ने विधायक और उसके भाई पर केस दर्ज करने की मांग करते हुए सीएम आवास के सामने सुसाइड करने की कोशिश की थी।
8 अप्रैल को जेल से अस्पताल भेजे गए रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। बता दें कि 16 दिसंबर 2019 को बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के मामले में दोषी करार दिया था। इसके साथ ही सह आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था। फिलहाल कुलदीप सेंगर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अब उसे एक्सीडेंट के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है।

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