बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि बसपा पूरी तरह से एक अनुशासित पार्टी है और कानून के दायरे में रहकर लोगों की मदद के लिए आगे आती है। मायावती ने गुरूवार को यहां जारी बयान में कहा कि बसपा पूरी तरह से एक अनुशासित पार्टी है। इसके लोगों द्वारा कानून को अपने हांथ में नहीं लेने की जो अच्छी परम्परा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है।
उन्होंने कहा कि तोड़फोड की घटनाओं से आमजनता को संकट झेलना पड़ता है जो गलत है। दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए कानून तोड़ना एक आम बात है जिससे आमजनता को अनेकों प्रकार की परेशानी नित्य दिन झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बुधवार जो तोड़फोड़ आदि की घटनाएं हुई हैं जिससे आमजनता को काफी संकट झेलना पड़ है वह अनुचित है। इसमें बसपा का कुछ भी लेना-देना नहीं है।
3. बीएसपी के लोगों को किसी भी अतिदुःखद घटना के घटने के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है व अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबर्दस्ती नहीं जाना है ताकि सरकार को निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का मौका नहीं मिल सके।
— Mayawati (@Mayawati) August 22, 2019
बसपा संविधान व कानून का हमेशा पूरा-पूरा सम्मान करती है। पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है। हमें अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ व क्षति नहीं पहुँचानी है। मायावती ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को अति-दु:खद घटना के बाद यदि सरकार वहां पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिले में जहां भू-माफियाओं ने गरीब आदिवासी समाज की जमीन हड़पने की कोशिश में सामूहिक नरसंहार किया। राज्य सरकार ने वहां धारा 144 लगाया। नेताओं के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस कारण बसपा के लोग तत्काल वहां पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं जा सके। बाद में पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल सरकारी अनुमति से वहां गया और पीड़ितों की मदद करने की कोशिश की।
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उन्होंने कहा कि सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर काण्ड के सम्बंध में भी बसपा का ऐसा ही कानूनी सहयोग का ही रवैया रहा। बसपा प्रमुख खुद वहां गईं और सरकारी जुल्म-ज्यादती के शिकार पीड़ित परिवारें से मिलीं। शासन-प्रशासन ने वहां जाने की उन्हें अनुमति दी थी। पार्टी कार्यकर्ता शोषित-पीड़ित परिवार की मदद कानूनी दायरे में रहकर व स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से करेंगे।