दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 3 जनवरी को श्मशान घाट की छत गिरने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष शामिल थे। ठेकेदार अजय त्यागी व अन्य अज्ञात लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। यह जानकारी एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने दी है। उनका कहना है कि इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी।
इस हादसे में मरने वालों के परिजनों ने गाजियाबाद को मेरठ से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच- 58 पर शव रखकर जाम लगा दिया है। पुलिस प्रशासन के लोगों ने परिजनों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया। इसके थोड़ी ही देर बाद फिर से लोगों ने एनएच जाम कर दिया।
मृतकों के परिजन एनएच-58 पर शव रखकर बैठ गए है और एनएच को जाम कर दिया है। इससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। एनएच-58 पर लंबा जाम लग गया। राजमार्ग जाम होने के कारण करीब 15 किलोमीटर तक वाहन खड़े हो गए है।
सीएम के निर्देश के बाद ठेकेदार अजय त्यागी, मुरादनगर नगर पालिका की ईओ निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष के साथ ही कई अन्य के खिलाफ ममाला दर्ज किया गया। पुलिस ने ईओ समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया, जबकि ठेकेदार फरार बताया जा रहा है।
गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर रखे गए शवों में दो शव प्रदीप और सुनील के है, जो रिश्ते में चाचा-भतीजे थे। इनके परिजनों का कहना है कि उसके दो छोटे बच्चे है, अब इनकी देखभाल कौन करेगा। मृतकों के परिजन चाहते है कि हादसे के शिकार हुए लोगों के परिवार के लालन-पालन की जिम्मेदारी सरकार लें।