एक तरफ जंहा उत्तर प्रदेश सरकार भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने के साथ ही प्रदेश से गुंडागर्दी खत्म कर रही हैं, लेकिन गांव में अपना रूतबा जमाकर खेती की जमीन को जबरन खाली कराने के लिए गुंडा पीडीत को फोन कॉल कर धमका रहा हैं। जिस कारण परिवार भय के साथ जी रहा हैं।
खतौली एसडीएम कोर्ट में चल रहा हैं मुकदमा
दरअसल बुढाना -खतौली राज्यराज मार्ग पर एक खेती की जमीन खसरा नंबर 438 8 पर हक के लिए विवाद चल रहा हैं, जिसका मुकदमा खतौली एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन हैं। फाइल साक्ष्य पर होने पर प्रतिवादीगण रसूखदार गुंडे का सहारा का लेकर किसी भी हालात में जबरन जमीन को कब्जाना चाहता हैं। ताकि एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत कर सके। इसी के परिपेक्ष में पीडीत ने जमीन पर मुजफ्फरनगर सिविल कोर्ट से स्टे हासिल कर रखा हैं। जो खतौली एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन फाइल में संग्लन हैं।
अगर जमीन खाली नही की तो जान से मार दूंगा
वादी दिल्ली आजाद मार्किट स्थित कार्य करता हैं जंहा उसे सुबह गांव के एक रसूखदार गुंडे मुकेश कुमार उर्फ टुन्नी के नाम से एक कॉल आया, उसने वादी के साथ गाली गलोच करते हुए जमीन खाली करने के लिए कहा, और आगे कहा कि अगर तुमने मेरे दोस्त रामकुमार की जमीन खाली नही की तो मै तुम्हे जान से मार दूंगा। मेरे दोस्त रामकुमार ने जमीन की बाबत 5 लाख रूपये खर्च कर दिए हैं, जिसमें दो लाख रूपये खतौली एसडीएम को दिए। हम एसडीएम तालाब पर कब्जाधारी लोगों की जमीन को पट्टे में तब्दील करवाते।
सवालों के घेरे में खतौली एसडीएम को दो लाख रूपये देने की बात
वादी ने बताया कि मुकदमा के रफ्तार पकड़ते ही उसने एसडीएम साहब को दो लाख रूपये देकर प्रतिवादी के प्रभाव में कराने की चर्चा गांव में चल रही थी। जिस पर उसने जांच की मांग की थी लेकिन ृ10 माह के बीच दो लाख रूपये लेकर प्रभावी बनाने की गांव में हो चर्चा कि कोई जांच ही नही कराई गई। क्योकिं दस माह से फाइल साक्ष्य पर चल रही हैं, लेकिन गवाही ना होने के चलते फाइल में कोई कार्रवाई ही नही की गई।
इसी भय के चलते पीडीत रामनिवास ने दिल्ली से ही यूपी पुलिस को ई-एफआईआर लॉच कराई हैं। ताकि पुलिस इस प्रकरण की सुध लेकर कानून सम्मत कार्रवाई कर सके।