‘जल ही जीवन है’ को दोहराते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि हम सभी को साथ मिलकर जल की शुद्धता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
लखनऊ से होकर बहने वाली गोमती के बारे में उन्होंने कहा कि इसे निर्मल और अविरल बनाने के लिए सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। लेकिन जनता को भी प्रयास करना होगा तभी हम नदी को उसका पुराना निर्मल स्वरूप लौटा सकेंगे।
योगी ने शनिवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में ‘मां शारदालय मंदिर’ का लोकार्पण किया और प्रांगण में रूद्राक्ष का पौधा लगाया।
उन्होंने कहा कि केजीएमयू में हर साल बसंत पंचमी धूमधाम से मनायी जाती है, मां शारदा की प्रतिमा लगाई जाती है। पूजा के बाद उनका विसर्जन गोमती में किया जाता है जिससे नदी जल प्रदूषित होता था। लेकिन अब ‘मां शारदा’ की स्थाई प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होने से नदी को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि नदी को निर्मल बनाने की दिशा में केजीएमयू का यह अभिनव प्रयास है।
नमामि गंगे परियोजना की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बाढ़ के दौरान मैं एनडीआरएफ के जवानों के साथ गंगा में भ्रमण कर रहा था। उन्होंने बताया कि पहले गंगा में अभ्यास के दौरान उनके शरीर पर चकत्ते पड़ जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता।’’ उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे’ ने गंगा को निर्मल और अविरल बना दिया है।
उन्होंने कहा कि गंगा को ऐसा बनाने के लिए हमें बहुत कुछ करना पड़ा। कानपुर में प्रतिदिन 140 एमएलडी सीवर गिरता था। रासायनीक प्रदूषण के कारण नदी में मछलियां नहीं बची थीं। हमने उन नालों को जल-मल शोधन संयंत्र में भेजा और शोधित जल का उपयोग सिंचाई में किया। उन्होंने कहा कि गोमती के लिए भी हमें महती प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ चलाया। इससे ना सिर्फ गंदगी कम हुई बल्कि बीमारियां भी दूर हुईं। उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस महामारी बन गई थी। लेकिन ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत सरकार ने सफाई और जागरुकता का वृहद अभियान चलाया। इसके सकारात्मक परिणाम हम सबके सामने हैं। गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस के मामलों में भारी कमी आई है।