उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बीच विपक्षी दलों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पिछले वर्ष हाथरस जिले में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और बाद में अस्पताल में उसकी मौत के मामले को लेकर कांग्रेस, सपा और बसपा समेत सभी विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किया था और मुख्यमंत्री से इस्तीफा तक मांगा था।
इस बीच आगरा, मेरठ, हापुड़ समेत कई जिलों में महिलाओं के साथ हुए कथित दुष्कर्म के मामलों ने विपक्ष को फिर मौका दे दिया है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेरठ में कक्षा दस की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
यादव ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ”उप्र के सरधना (मेरठ) में एक छात्रा के अपहरण, गैंगरेप व जहर देकर मारे जाने का समाचार बेहद दुखद और समाज में खौफ पैदा करने वाला है। श्रद्धांजलि।” उन्होंने आगे लिखा ” स्टार प्रचारक जी को प्रचार से फुर्सत मिले तो कृपा कर इस पर भी विचार करें। बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, नहीं चाहिए भाजपा सरकार।”
मेरठ के थाना सरधना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में गत बृहस्पतिवार को ट्यूशन से लौट रही कक्षा दस की छात्रा को गांव के ही चार युवकों ने कथित तौर पर अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया। आहत छात्रा ने घर पहुंचकर कथित रूप से जहरीला पदार्थ खा लिया जिसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
इसके अलावा हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में कथित तौर पर छेड़छाड़ से तंग आकर 13 साल की नाबालिग छात्रा ने आग लगा ली थी जिसकी शनिवार को इलाज के दौरान कानपुर के अस्पताल में मौत हो गयी। हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सुमेरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली 13 साल की एक छात्रा ने कथित छेड़छाड़ से परेशान होकर 30 मार्च को आग लगा ली थी, जिसकी कानपुर के अस्पताल में शनिवार को मौत होने की सूचना मिली है।
एक आंकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन औसतन छह महिलाओं और किशोरियों से दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। आगरा के एत्मादपुर में सोमवार की शाम पति के सामने एक महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘‘आगरा में महिला के पति के सामने गैंगरेप की यह घटना ‘गुंडाराज’ की भयावहता का प्रमाण है। उत्तर प्रदेश के जंगल राज में बेटियां-महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, सरकार प्रचार मोड में है। ‘मिशन शक्ति’ किसको शक्ति दे रहा है।’’
लल्लू ने दो दिन पहले अपने ट्वीट में कहा था, ”मुख्यमंत्री महोदय, फेल है आपकी व्यवस्था, सड़ चुकी है कानून-व्यवस्था।” उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने 17 अक्टूबर, 2020 से ‘मिशन शक्ति’ अभियान का शुभारंभ किया गया था जो पहले चरण में तीन मार्च 2021 तक चला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को बलरामपुर जिले से ‘मिशन शक्ति’ का शुभारंभ किया था।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इस अवधि में 3,440 अपराधियों पर कार्रवाई की गई। ‘मिशन शक्ति’ अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च से हुई जो इस समय प्रदेश के सभी जिलों में चल रही है।