वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तीन दिन चले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में शिवलिंग मिलने का दावा किया। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्ष की उस याचिका पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें सर्वे पर रोक की मांग की गयी है। सुनवाई से ठीक पहले हिन्दू सेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
हिंदू सेना ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका के मामले में हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में हिंदू सेना ने कहा है कि वरशिप एक्ट (worship act) प्राचीन मंदिरों पर लागू नहीं होता जो कि प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत आते हैं।’
फव्वारे को शिवलिंग बताकर किया जा रहा गुमराह : मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। इस पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मंगलवार को कहा कि फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता है। उन्होंने कहा कि फव्वारा यदि होगा तो नीचे पूरा सिस्टम होगा पानी के निकलने का लेकिन जिस तरह से उसका शिवलिंग का आकार है। उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो ज्यादा अंतर तक गई नहीं, तो शिवलिंग खंडित हुआ या नहीं यह तो मैं अभी बहुत पुख्ता तौर पर नहीं बता सकता लेकिन मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो एक शिवलिंग है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी थी। ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में है। फिलहाल वाराणसी कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद के ढांचे की जांच करने का निर्देश दिया है।