उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्षकारों में शामिल हरिशंकर जैन और विष्णु जैन को सभी मुकदमों से हटाने का फैसला लिया गया है। इसका ऐलान ज्ञानवापी मामले में लीगल बैकअप देख रही संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने किया है। साथ ही, बिसेन ने हरिशंकर जैन की अध्यक्षता में चल रही हिंद साम्राज्य पार्टी से भी इस्तीफे देने का ऐलान किया है।
बिसेन ने हिंद साम्राज्य पार्टी से दिया इस्तीफा
बिसेन ने बुधवार को मीडिया को बताया, मैंने हिंद साम्राज्य पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें मैं राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय महासचिव के पदों पर रहा हूं। ज्ञानवापी मामले पर उनके फैसले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, बिसेन ने कहा, जैन इस मामले में केवल एक वकील हैं और एक वकील को कभी भी बदला जा सकता है।
बिसेन ने हिंद साम्राज्य पार्टी से दिया इस्तीफा
बिसेन ने बुधवार को मीडिया को बताया, मैंने हिंद साम्राज्य पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें मैं राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय महासचिव के पदों पर रहा हूं। ज्ञानवापी मामले पर उनके फैसले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, बिसेन ने कहा, जैन इस मामले में केवल एक वकील हैं और एक वकील को कभी भी बदला जा सकता है।

जैन और बिसेन के बीच सामने आया था मतभेद
बता दें कि, जैन और बिसेन के बीच मतभेद छह मई के बाद कोर्ट आयोग के सर्वेक्षण के साथ खुलकर सामने आने लगे थे। जब वीवीएसएस प्रमुख द्वारा केस वापस लेने वाला बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। नौ मई को बिसेन ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि, उन्होंने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले से जुड़े अन्य पांच मामलों के लिए बयान दिया था, जिसमें वह एक वादी है।
बता दें कि, जैन और बिसेन के बीच मतभेद छह मई के बाद कोर्ट आयोग के सर्वेक्षण के साथ खुलकर सामने आने लगे थे। जब वीवीएसएस प्रमुख द्वारा केस वापस लेने वाला बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। नौ मई को बिसेन ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि, उन्होंने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले से जुड़े अन्य पांच मामलों के लिए बयान दिया था, जिसमें वह एक वादी है।
