ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid)-श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) विवाद मामले में आज वाराणसी जिला अदालत (Varanasi Court) और फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में सुनवाई होनी है, जिला अदालत में शृंगार गौरी के मूल वाद की मेरिट पर प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। वहीं ऐसा माना जा रहा है कि फास्ट ट्रैक में ज्ञानवापी परिसर में हुई सर्वे और वीडियोग्राफी के संबंध में जिला न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश महत्वपूर्ण आदेश दे सकते हैं। दरअसल आयोग की कार्यवाही से जुड़े फोटो और वीडियो दोनों पक्षों को सौंपने हैं या नहीं इस बात को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।
ज्ञानवापी मामले में 2 अदालतों में लिए जाएंगे अहम फैसले
पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से दो घंटे लंबी बहस हुई। मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मई तय की थी। जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश द्वारा सर्वे की वीडियो और फोटो आज दोनों पक्षों को सौंपी जा सकती है। हालांकि हिंदू पक्ष के मुख्य अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि वीडियो पूरे देश को देखना चाहिए, बता दें कि वीडियो लगभग 11 घंटे की अवधि की है। हिंदू पक्ष का दावा है कि वीडियो में ऐसी तस्वीरें हैं जो साबित करती हैं कि ज्ञानवापी आदि विश्वेश्वर का प्राचीन मंदिर है ना की मस्जिद।
पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने की थी केस खारिज करने की मांग
पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के वकीलों की ओर से करीब दो घंटे तक बहस हुई, मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि परिसर में शिवलिंग मिलने की बात साबित नहीं हुई है। हिंदू पक्ष का यह सूट पूरी तरह से चलने योग्य नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए। उधर, आदेश 7 नियम 11 को लेकर अधिवक्ता अंजुमन इंताजामिया कमेटी की अर्जी पर हिंदू पक्ष ने 10 पेज का जवाब दाखिल किया।