ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मस्जिद के वजू खाने में मिले 'शिवलिंग' को फव्वारा बताने वाले मुस्लिम पक्ष को अपना दावा साबित करने की चुनौती दी है। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने इसे स्वीकार करते हुए कहा है कि उसे फव्वारे को चला कर दिखाने में कोई परेशानी नहीं है। जैन ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है और अगर वह वाकई फव्वारा है तो वह उसे चला कर दिखाएं।
शिवलिंग मिलने के दावे का हिंदू पक्ष ने किया बचाव, पूछे यह सवाल
उन्होंने कहा अगर वह फव्वारा है तो उसके नीचे पानी की आपूर्ति की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। जहां शिवलिंग मिला है उसके नीचे तहखाने की जांच की जाए और शिवलिंग के आकार को नापने की भी इजाजत दी जाए। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था 'अंजुमन इंतजामिया मसाजिद' के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि उस फव्वारे की जांच कराने का मौका दिया जाए और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा अगर हमें इजाजत दी जाए तो हम उस फव्वारे के नीचे पाइप लगाकर पानी निकालने को भी तैयार है। हौज (जलकुंड) में पहले सरकारी पाइप से पानी भरा जाता था, अब कुएं से जेट पंप लगाकर पानी भरा जाता है। फव्वारे का पाइप अलग है। फव्वारे के पास भी पाइप लगा है ताकि पानी का फव्वारा निकले। यासीन ने बताया कि फव्वारे की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, उसमें ऊपर की तरफ चार निशान बने हुए हैं। उन्हीं में से फव्वारा निकलता था। हम उसे चला कर दिखा देंगे।
मुस्लिम पक्ष ने फव्वारे के समर्थन में बताए कुछ तथ्य
उन्होंने बताया कि सर्वे वाले दिन उन निशानों में से एक में एक सलाई डाली गई थी जो लगभग 64 सेंटीमीटर अंदर चली गई थी। यानी कि वह छेद है जिसमें से पानी निकलता था। यासीन ने बताया कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह हौज की सफाई के वक्त का है जो लॉकडाउन के वक्त कराई गई थी और हर छह महीने पर हौज की सफाई कराई जाती है। गौरतलब है कि पिछली 16 मई को अदालत के आदेश पर संपन्न हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजू खाने में बने हौज में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। उसके बाद अदालत के निर्देश पर उस स्थान को सील कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष शुरू से ही शिवलिंग बताए जा रहे पत्थर को फव्वारा करार दे रहा है।