ज्ञानवापी मस्जिद : कल भी होगी सर्वे की कार्रवाई, बिसेन ने कहा-वहां कल्पना से बहुत कुछ ज्यादा

ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के सर्वे के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश वहां से निकल गए। वहीं एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा और अन्य वकील, वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग निकले।
ज्ञानवापी मस्जिद : कल भी होगी सर्वे की कार्रवाई, बिसेन ने कहा-वहां कल्पना से बहुत कुछ ज्यादा
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ज्ञानवापी में श्रृंगार गौरी मामले में आज मस्जिद के तहखाने के चार कमरों और पश्चिमी दीवार का सर्वे हुआ। सर्वे की ये कार्रवाई रविवार को भी जारी रहेगी। तहखाने के सर्वे के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश वहां से निकल गए। वहीं एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा और अन्य वकील, वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग निकले। 
सर्वे के बाद मस्जिद परिसर से बाहर निकले विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा है कि वहां कल्पना से बहुत कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कल के सर्वे के लिए भी बहुत कुछ है। बिसेन ने कहा कि कुछ ताले खोले गए, कुछ ताले तोड़ने पड़े। सर्वे की रिपोर्ट भी सबके सामने आएगी।
वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया, "सर्वे कार्य शांतिपूर्ण तरीके से चला। किसी भी पक्ष ने कोई अवरोध उत्पन्न नहीं किया। सब कुछ सामान्य है। हम (पुलिस आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट) सर्वे कार्य की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "आज का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। कल (रविवार) यह एक बार फिर शुरू किया जाएगा।"
भारी सुरक्षा के बीच हुआ सर्वे 
आज 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी जवानों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सुरक्षा में तैनात किया गया था। इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के 500 मीटर के दायरे में लोगों की आवाजाही रोक दी गई है।  पुलिस ने गोदौलिया और मैदागिन इलाके से वाहनों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता अयुक्त अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था। उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे।

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