जल ही जीवन है, इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की विधानसभा ने भी स्टाफ और अतिथियों को केवल आधा गिलास पानी देने का निर्देश जारी किया है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के निर्देश पर प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने सचिवालय में आधा गिलास पानी देने का आदेश जारी किया।
सचिवालय प्रशासन ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इसके तहत अब किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या अतिथि को पानी का पूरा भरा गिलास नहीं दिया जाएगा। अगर किसी को जरूरत है तो दोबारा मांग सकता है। इससे पहले किंग जर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में भी आधा गिलास पानी की मुहिम को लागू किया गया था।
आधा गिलास पानी की मुहिम बड़े संस्थानों, होटलों, रेस्टोरेंट, व कई स्कूल-कॉलेजों ने अपना ली है। गौरतलब है की देश के कई हिस्से पानी की कमी से जूझ रहे है। पानी की कमी के चलते सूखा की समस्या किसानों की रह में मुश्किलें पैदा कर रही है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक लोगों को पानी के लिए या तो कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा था।
देश में 60 करोड़ लोगों को हर रोज पानी की किल्लत से जूझ रहे है। करीब 2 लाख लोग हर साल साफ पेयजल न मिलने से मर रहे हैं। देश के 75 फीसदी मकानों में पानी की सप्लाई नहीं है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो साल 2030 तक पानी की किल्लत और भी विकराल हो जाएगी।