समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में खुद को मिली तीन साल की सजा को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत में बुधवार को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की।इस बीच, उच्च न्यायालय ने विशेष सत्र अदालत को आजम खान की अपील पर बृहस्पतिवार को फैसला करने के निर्देश दिया। अपील में खान ने खुद को मिली सजा पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह किया है ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल की जा सके।
रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पिछली 27 अक्टूबर को आजम को वर्ष 2019 में नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। यह फैसला होने के फौरन बाद लोक प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी और विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था।चुनाव आयोग ने हाल ही में रामपुर सदर विधानसभा सीट के उप चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। इसके तहत इस सीट के उपचुनाव के लिए आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा।
उपचुनाव के लिए 10 नवंबर तक नहीं जारी करे अधिसूचना
आजम के अधिवक्ता विनोद शर्मा ने बताया कि रामपुर जिला एवं सत्र अदालत ने खान की अपील मंजूर करते हुए उन्हें 16 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है।इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह रामपुर सदर सीट के उपचुनाव के लिए 10 नवंबर तक अधिसूचना जारी नहीं करे।प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने विशेष सत्र अदालत को अपनी सजा पर रोक लगाने की सपा नेता की अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई कर फैसला करने का निर्देश दिया है ।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि चुनाव आयोग आजम की अपील पर सत्र अदालत का फैसला आने के बाद 11 नवंबर या उसके बाद उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है।