उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित बुलगड़ी गांव में दलित समुदाय की 19 वर्षीय एक युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई है। मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को की जाएगी।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताई। पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में कहा कि अंतिम संस्कार उनकी मर्जी के बगैर हुआ। परिजनों ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा भी कोर्ट के समक्ष रखा। इस पुरे घटनाक्रम पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
कोर्ट में जज के समक्ष पीड़ित परिवार के बयान दर्ज हुए। जिला जज को पीड़िता के परिवारवालों की हाईकोर्ट में पेशी सुनिश्चित करने को कहा गया था। फिलहाल पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर 66 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और आठ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
पीड़ित परिवार सुबह हाथरस से निकला। पीड़ित के माता-पिता, दो भाई और एक भाभी लखनऊ पहुंचीं। सभी को हाईकोर्ट के पास स्थित उत्तराखंड भवन में ठहराया गया। एसडीएम अंजलि गंगवार और सीओ शैलेंद्र बाजपेयी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रखी है। दो गाड़ियों में पीड़ित परिवार था, जबकि छह गाड़ियां उनके एस्कॉर्ट के लिए हैं।
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सुनवाई से पहले हाई कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किया गया था। पीड़ित परिवार को लेकर एडीएम अंजली गंगवार लखनऊ आई हैं। उन्होंने बताया कि मैं उनके साथ जा रही हूं। सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी हमारे साथ हैं।