देश में इस समय मॉनसून के आगमन का समय है, ऐसे में देश के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश में रविवार को हुई बारिश राहत की बजाए आफत लेकर आई और कई लोगों की जिंदगी को लील गई।बारिश के साथ तेज गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने से प्रदेश में पांच महिलाओं समेत 35 लोगों की मौत हो गई। इनमें कुछ बच्चे भी शामिल है।
एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में मौत की खबर से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा है। सबसे ज्यादा मौतें कानपुर में हुई हैं। यहां पांच लोगों के अलावा 43 मवेशियों की भी प्राकृतिक आपदा में जान चली गई है। यूपी कई जिलों में रविवार को बारिश हुई। बारिश के दौरान कुछ जिलों में गरज और चमक के साथ बिजली भी गिरी है। आकाशीय बिजली गिरने से प्रयागराज, कौशांबी और प्रतापगढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई।
प्राकृतिक आपदा ने कानपुर और उसके आसपास के जिलों में 18 लोगों की मौत हो गई। कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील के अलग-अलग गांवों में बिजली गिरने से पांच लोगों की जान चली गई। यहीं के घाटमपुर क्षेत्र में एक युवक और 43 मवेशियों की भी आकाशी बिजली गिरने से मौत हो गई। फतेहपुर के असोथर, बकेवर और चांदपुर में बिजली गिरने से तीन महिलाओं समेत सात लोगों की मौत हो गई।
बांदा कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव में एक 13 साल की मासूम बच्ची की जान चली गई। उन्नाव में भी प्राकृतिक आपदा से मौत हुई हैं। बीघापुर थाना क्षेत्र के सराय बैदरा गांव में बिजली गिरने से दो बच्चों की जान चली गई। हमीरपुर में बिंबार थाना क्षेत्र के ऊपरी गांव में आकाशी बिजली ने कहर बरपाया। यहां दो लोगों की मौत हो गई। एक दिन में इतनी भारी संख्या में हुई मौतों से प्रदेश में हड़कंप मचा है।
कानपुर में दोपहर बाद आसमान से पानी नहीं जैसे आफत बरसी। गरज चमक के बीच गिरी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सजेती के एक युवक की मौत हो गई जबकि करीब 43 मवेशियों की जान चली गई। सजेती थाना क्षेत्र के यमुना तटवर्ती मऊ नखत गांव में रविवार दोपहर घर के बाहर बरामदे में छप्पर के नीचे गांव के जयबहादुर का पुत्र सत्यवीर निषाद (21) बैठा था। तभी छप्पर पर आकाशीय बिजली गिरने से सत्यवीर की मौके पर ही मौत हो गई। पास ही बंधी गाय भी मर गई।
सजेती पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृतक का पिता चाट का ठेला लगाता है और चार बेटों में सबसे बड़ा था। रविवार दोपहर करीब ढाई बजे बारिश के बीच मुगल रोड किनारे राजेश सविता अपनी 43 बकरियों के साथ नीम के पेड़ के नीचे खड़े हो गए। वह बकरियों को लेकर चराने निकले थे। कुछ देर बाद गरज चमक के बीच आकाशीय बिजली गिरी और पेड़ के नीचे खड़ीं सभी बकरियों की मौत हो गई। इसी प्रकार कैथा गांव के पप्पू सचान की एक भैंस व गाय की भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई।