उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेन्द्र शर्मा समेत 3 अन्य लोगों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मली है। मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा, गौस मोहिउद्दीन और मोहम्मद शाहिद की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
हत्या का लगा था आरोप
दरअसल, बहुचर्चित उसरी चट्टी कांड में मारे गए मनोज राय के पिता शैलेंद्र कुमार राय ने मुख्तार और उसके ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा समेत पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मनोज राय के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में मुख्तार और उसके करीबियों पर अगवा करके बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। बता दें कि, मनोज राय की मौत के 22 साल बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं, केस दर्ज होते ही उसरी चट्टी हत्याकांड की तस्वीर ही बदल दी है।
मुख्तार के काफिले पर हुआ था जनलेवा हमला
बता दें कि, गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को माफिया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला हुआ हुआ था। जहां मुख्तार अंसारी के अपने घर मोहम्मदाबाद से मऊ जाने के दौरान उनके काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। जिसमें माफिया मुख्तार अंसारी के गनर समेत तीन लोगों की जान गई थी। इस हमले में दोनों ही पक्ष के कुछ लोगों की मौत का मामला सामनेआया था। साथ ही कुछ लोग घायल भी हुए थे। इस हमले में मुख्तार अंसारी ने माफिया बृजेश सिंह व अन्य पर हमले का मुख्य आरोपी बनाया था।
ये है पूरा मामला
बता दें कि, ठेकेदार मृत मनोज राय के पिता बिहार के बक्सर सगरा राजापुर के रहने वाले शैलेंद्र कुमार राय ने अपनी शिकायत में बताया कि 14 जुलाई 2001 की शाम को सुरेंद्र शर्मा (मुख्तार का ड्राइवर), शाहिद, गौस मोइनुद्दीन और कमाल घर आए और उनके बेटे मनोज को ले गए, जिसके अगले दिन 15 जुलाई 2001 की शाम घर में मनोज की हत्या की सूचना मिली थी। हालांकि, अब 22 साल बाद इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 147,148, 149 और 302 के तहत मुकदमा किया है।