एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट को बड़ी कामयाबी मिली है, क्योंकि उन्होंने अपनी कार्रवाई के दौरान 11 बच्चों को छुड़ाया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एंटी-ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट (एएचटीयू) ने नेपाल के छह लोगों समेत कम से कम 11 बच्चों को बचाया है। एएचटीयू ने कथित बालश्रम के लिए बच्चों को नई दिल्ली ले जाने के लिए नेपाल के चार लोगों समेत छह संदिग्ध लोगों को भी हिरासत में लिया। आरोपियों की पहचान सलाउद्दीन अंसारी, मोहताब, मोहम्मद असरम अंसारी, जमील अख्तर और ईशाद के रूप में हुई है।
वही, लखनऊ एएचटीयू निदेशक संगीता शर्मा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने चिनहट पुलिस कांस्टेबल के साथ फैजाबाद हाईवे पर एक यात्री बस को रोका और बच्चों को बचाया। शर्मा ने कहा, 'रक्सौल एएचटीयू के निदेशक मनोज कुमार शर्मा द्वारा साझा की गई एक सूचना के बाद बस को रोका गया और तलाशी ली गई। ग्यारह नाबालिगों को बरामद किया गया, जिन्होंने दावा किया था कि वे अपने रिश्तेदार से मिलने या चिकित्सा जांच के लिए दिल्ली जा रहे थे। लेकिन इस दौरान सत्यापन में, उनके दावे असत्य पाए गए।'
गरीब परिवार से है सभी बच्चे
बता दें, बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। उन्हें ले जा रहे छह लोगों को स्थानीय चिनहट पुलिस को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा, 'चूंकि बच्चे बेहद गरीब परिवारों से हैं, इसलिए उनके माता-पिता ने उन्हें बाल श्रम के लिए दलालों को सौंप दिया था, ताकि वे परिवार के लिए कमा सकें।' लखनऊ के चाइल्डलाइन कॉर्डिनेटर कृष्ण प्रताप शर्मा ने कहा, 'बचाए गए बच्चों के माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है, जबकि आरोपी पुरुषों पर मानव तस्करी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।'