6 दिसंबर से पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन ने किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। शासन एवं जिला प्रशासन ने बताया कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर (छह दिसंबर को) जिले की शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर स्थित सभी मंदिरों एवं शाही ईदगाह (रेड जोन) की सुरक्षा में तैनात दो हजार सुरक्षाकर्मियों के अलावा अर्द्ध सैन्य बलों की तैनाती की गई है। कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से धमकी दी गई है कि वो मस्जिद के अंदर हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने जा रहे हैं। इसे देखते हुए आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।
सीसीटीवी और ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है
रेलवे ने भी मथुरा वृन्दावन के बीच चलनेवाली रेल बस का आवागमन अगले आदेश तक रोक दिया है। यह रेल बस ईदगाह के सामने और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास से होकर जाती है। उधर प्रशासन ने रेड, येलो और ग्रीन जोन में भारी पुलिस बल लगा दिया है। दोनों धर्मस्थलों के 300 मीटर क्षेत्र में बने रेड जोन पर आने जानेवालों पर नजर रखी जा रही है। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी है। मंदिर या मस्जिद में जाने वाले लोगों से उनका पहचान पत्र मांगा जा रहा है। सीसीटीवी और ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है।
प्रशासन किसी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नही है।
प्रशासन ने चप्पे चप्पे पर पुलिस बल लगाने के लिए बाहर से भी पुलिस बल मंगा लिया है ताकि यदि इजाजत ठुकराने के बावजूद कोई संगठन परंपरा के विपरीत काम करने की कोशिश करे तो उससे सख्ती से निपटा जा सके। हिंदूवादी संगठनों नारायणी सेना, श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल ने आगामी 6 दिसम्बर को परंपरा से हटकर अलग अलग कार्यक्रम करने की घोषणा की थी। जिला प्रशासन ने इन संगठनों के आवेदन निरस्त कर दिये लेकिन प्रशासन किसी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नही है।
अयोध्या में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
अयोध्या में भी बाबरी मस्जिद विध्वंस की 30वीं बरसी के मद्देनजर सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अयोध्या मंदिर शहर और जिले को कई सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और संवेदनशील बिंदुओं पर बलों को तैनात किया गया है। सभी मजिस्ट्रेटों को अयोध्या और फैजाबाद के जुड़वां शहरों में सभी छोटी और बड़ी घटनाओं पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।