उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ईद से ठीक पहले सडकों पर नमाज़ अदा नहीं करने की सलाह दी है। यूपी के मेरठ में अब सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। जिला प्रशासन ने मेरठ की सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। हालांकि बकरीद के दिन ही सड़कों पर नमाज पढ़ी जा सकेगी।
मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने आदेश जारी किया है। जिसमे कहा गया है कि अब जिले की सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। बता दे की मेरठ में पहले सड़को पर ही नमाज पढ़ी जाती थी। इसके कारण सड़कों पर काफ़ी जाम लग जाता था। इस मुद्दे को लेकर एसएसपी ने शहर के तमाम मस्जिद और शहर काजी से बैठक की। जिसमे सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने के मुद्दे पर सभी लोग सहमत हैं।
मामला केवल इतना ही नहीं है, अब मेरठ में बकरीद के मौके पर ऊंट की कुर्बानी पर भी पाबंदी लगा दी गई है। अब से पहले मेरठ में कुछ लोग बकरीद पर ऊंट की कुर्बानी देते थे। हालांकि अब इस आदेश के बाद कोई भी मेरठ में ऊंट की कुर्बानी नहीं दे पाएगा। इस मसले को लेकर मेरठ के शहर काजी ने भी प्रशासन के आदेश का स्वागत करते हुए शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बात कही।
बता दें कि, इससे पहले अलीगढ़ में नमाज बनाम हनुमान चलीसा का विवाद गरमाया था। हिन्दू महासभा ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बकरीद पर सड़कों पर नमाज पढ़ी गई, तो हिन्दू संगठन के लोग भी सड़कों पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। इसके बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देख़ते हुए सड़कों पर धार्मिक कार्यक्रमों पर बैन लगा दिया था। इसपर हिंदू जागरण मंच ने यह आदेश नहीं मानने की बात कही थी।
हिंदू जागरण मंच के राज्य महासचिव सुरेंद्र सिंह भगौर ने अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह को धमकी देते हुए कहा था कि, ‘हम जिलाधिकारी के आदेश को नहीं मानेंगे। वो आदेश देने वाले कोई नहीं हैं। अगर हमको सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक आयोजन करने से रोका जाएगा, तो जिलाधिकारी से सड़क पर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़वाया जाएगा.’