उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। साथ ही प्रदेश में जनता के साथ जुड़ने के लिए यात्राओं का दौर भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बेदखल करने के लिये समाजवादी विचारधारा के दलों की एकता के संकल्प के साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मंगलवार को कान्हा की नगरी मथुरा से सामाजिक परिवर्तन यात्रा की शुरूआत की।
शिवपाल ने वृन्दावन में पूजा अर्चना की फिर यात्रा हुई शुरू
यादव ने सुबह वृन्दावन में श्री बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना की और बाद में प्रेम मंदिर प्रांगण में आध्यात्मिक संतों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पार्टी के रंग में रंगी डीलक्स बस में सवार हो गये। बस में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल के साथ पार्टी महासचिव आदित्य यादव की फोटो लगी हुयी है।
यूपी की जनता कई गंभीर मुद्दों से जूझ रही है-शिवपाल
यात्रा शुरू करने से पहले पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसी तमाम ज्वलंत समस्यायों से जूझ रही है। इससे निजात तभी पायी जा सकती है, जब सत्ता में काबिज भाजपा का सफाया हो। इसके लिये समाजवादी विचारधारा के दलों को एक मंच पर आना होगा। जनता के लिये लड़ जाने वाले इस लड़ई में वह समाजवादी पार्टी (सपा) की किसी भी पहल का स्वागत करेंगे और उनके लिये प्रसपा के दरवाजे हमेशा खुले हुये हैं।
27 नवम्बर तक चलने वाली यह यात्रा सात चरणों में सम्पन्न होगी
पार्टी महासचिव रघुराज शाक्य ने बताया कि 27 नवम्बर तक चलने वाली यह यात्रा सात चरणों में सम्पन्न होगी। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव जगह जगह जनसभा को संबोधित करेंगे। उन्होने कहा कि आज शाम आगरा विश्राम के बाद यात्रा कल यानी बुधवार को इटावा के लिए रवाना होगी।
14 अक्टूबर को औरैया में यात्रा के पहले चरण का समापन होगा। अटल्ला चुंगी, वृन्दावन से भव्य कार्यक्रम और सैकड़ ब्राम्हणों के शंखनाद के बाद मथुरा की ओर यात्रा अग्रसर है। उन्होने कहा कि रथ यात्रा में हजारो की संख्या में वाहन शामिल है और इस यात्रा को समाज के हर वर्ग का भारी समर्थन मिल रहा है।
वहीं, सड़क के दोनो तरफ खड़ लोग शिवपाल का अभिवादन हाथ हिलाकर कर रहे हैं। रथ यात्रा के चलते हालांकि वृंदावन और मथुरा में यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुयी। रथ यात्रा निकलने के बाद घंटों लोग जाम में फंसे रहे। इससे विदेशी श्रद्धालुओं को भी मुसीबत का सामना करना पड़।