एक अदालत ने बुधवार को यहां हत्या के एक मामले में दाखिल पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी और जिया अब्बास को तलब किया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने इन दोनों अभियुक्तों को 19 अगस्त को तलब किया। उन्होंने यह आदेश पुलिस की अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद की ओर से दाखिल अर्जी को मंजूर करते हुए दिया।
थाना वजीरगंज से संबधित हत्या के इस मामले की प्राथमिकी कल्बे जव्वाद ने दर्ज कराई थी। 13 मई, 2016 को विवेचना के बाद पुलिस ने हत्या के इस मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी। कल्बे जव्वाद ने विरोध याचिका दायर करके इसे चुनौती दी।
जव्वाद का आरोप है कि पुलिस ने दबाव में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है जबकि पंचायतनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मृतक के सिर और पैर पर चोटों के निशान थे।
गौरतलब है कि 25 जुलाई 2014 को कल्बे जव्वाद जुमे की नमाज के बाद बड़े इमामबाड़े से शांतिपूर्वक जुलूस निकालकर शिया वक्फ पर कब्जे के संदर्भ में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे थे।
शहीद स्मारक के पास पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने जुलुस को रोक लिया। तब उनकी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से बात होने लगी। लेकिन वहां मौजूद वसीम रिजवी और जिया अब्बास तथा चार अन्य लोग अचानक उत्पात मचाने लगे। पुलिस बैरियर गिरा दिया। मारपीट करने लगे।
पुलिस प्रशासन ने काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे नहीं माने। पुलिस ने बल प्रयोग किया। भगदड़ मच गई। लोग घायल हुए और इसमें एक व्यक्ति सैय्यद कर्रार मेंहदी वहीं गिर गया जिसकी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान मौत हो गई।