कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डाक विभाग भी अहम भूमिका निभा रहा है। लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में लोगों को दवाओं की आपूर्ति के लिए डाक विभाग ने नेट मेड के जरिए दवाओं की बुकिंग शुरू की है। उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल के.के. सिन्हा ने बताया कि नेट मेड के जरिए दवाओं की बुकिंग शुरू कर दी गई है।
दवाओं की आपूर्ति डाक विभाग करेगा। सिन्हा ने बताया कि इसके अलावा, आगरा और बरेली में एक-एक मोबाइल वैन का परिचालन शुरू किया है जिससे बुजुर्ग व्यक्ति घर बैठे डाक विभाग में अपने बचत खातों से लेनदेन कर सकें। उन्होंने बताया कि 25 मार्च से 28 मार्च तक पूरे राज्य में डाक विभाग के बचत खाते से 625 करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं।
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पूरे प्रदेश में डाक विभाग के करीब 4 करोड़ बचत खाताधारक हैं। सिन्हा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सर्किलों में विभाग ने अपने सामाजिक दायित्व का बखूबी निर्वहन किया। जहां लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा में विभाग के लोगों ने सब्जी की आपूर्ति की, वहीं वाराणसी में कर्मचारियों ने लोगों को खाने के पैकेट वितरित किए।
उन्होंने बताया कि विभाग ने राज्य सरकार को आवश्यक चीजों की आपूर्ति के लिए सेवा देने की पेशकश की है। प्रयागराज स्थित प्रधान डाकघर के प्रवर अधीक्षक संजय डी. आखाड़े ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को ‘‘आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम’’ (एईपीएस) के जरिए 25 लाख रुपये भुगतान किए गए।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज और कौशांबी में लगभग सभी डाकघर खुले हैं। हालांकि डाक सेवा के आवश्यक सेवा होने के बावजूद पुलिस डाक कर्मियों के पहचान पत्र नहीं मान रही है जिससे कई जगहों पर डाक कर्मियों को कार्यालय आने में दिक्कत आ रही है।