कोरोना महामारी के कारण एक बार फिर देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना से निपटने के लिए योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू के समय में बदलाव किया गया है। अब प्रदेश के 10 जिलों में अब रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक नाईट कर्फ्यू लागू रहेगा।
टीम-11 के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश दिया। बता दें पिछले 4 घंटे में 22,439 नए केस आए हैं। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर सहित 2000 से अधिक एक्टिव केस वाले सभी 10 जनपदों में रात्रि 08 बजे से प्रातः 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी किया गया। साथ ही लोगों को मास्क और सैनिटाइजेशन के महत्व को समझाएने का निर्देश दिया गया है।
संक्रमण के खतरे के बीच अपने गांव लौट रहे प्रवासी कामगारों के लिए के लिए योगी सरकार ने प्रोटाकॅल जारी किया है।
जिसके तहत सभी जिलों में क्वारंटीन सेंटर बनेंगे। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से पलायन कर प्रदेश लौट रहे प्रवासियों का जिले में स्क्रीनिंग कराना जरूरी होगा। इसके बाद इनको सात दिन का होम क्वारंटाइन जरूरी कर दिया गया है। कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद भी सात दिन खुद को आइसोलेशन में रहना होगा।
जिसके तहत सभी जिलों में क्वारंटीन सेंटर बनेंगे। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से पलायन कर प्रदेश लौट रहे प्रवासियों का जिले में स्क्रीनिंग कराना जरूरी होगा। इसके बाद इनको सात दिन का होम क्वारंटाइन जरूरी कर दिया गया है। कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद भी सात दिन खुद को आइसोलेशन में रहना होगा।
अगर लक्षण हैं, तो 14 दिन क्वॉरंटाइन रहना होगा।
प्रदेश के हर जिले में क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम इन प्रवासी मजदूरों की आरटी-पीसीआर जांच करेगी। जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव होगी, उन मजदूरों के भोजन, क्वारंटाइन और दवाओं की व्यवस्था सरकार करेगी। इसके साथ ही आइसोलेशन सेंटर में 14 दिन निगरानी के बाद इन प्रवासी मजदूरों को परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जनपद पहुंचाया जाएगा।
प्रदेश के हर जिले में क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम इन प्रवासी मजदूरों की आरटी-पीसीआर जांच करेगी। जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव होगी, उन मजदूरों के भोजन, क्वारंटाइन और दवाओं की व्यवस्था सरकार करेगी। इसके साथ ही आइसोलेशन सेंटर में 14 दिन निगरानी के बाद इन प्रवासी मजदूरों को परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जनपद पहुंचाया जाएगा।