“इसलिए जरूरी है कि आप अपना एक लीडर चुनो, एक डंडे, एक झंडे के नीचे रहो’’
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों को तेज धार देने में लगे हुए है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि ‘‘आकंड़े इस बात के गवाह हैं कि उत्तर प्रदेश में दलितों के बाद सबसे ज्यादा नाइंसाफी मुसलमानों के साथ हुई।’’
उन्होंने मेरठ से 30 किलोमीटर दूर किठौर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते यह बात कही। साथ ही ओवैसी ने कहा ‘‘इसलिए जरूरी है कि आप अपना एक लीडर चुनो, एक डंडे, एक झंडे के नीचे रहो।’’ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एएमआईएम) अध्यक्ष आवैसी ने कहा, ‘‘यादव और दलित से सबक हासिल करो। एक डंडे और एक झंडे के नीचे रहकर वह हर विभाग और दफ्तर में नौकरी पाए हैं जबकि मुसलमानों के हिस्से में दंगे फसाद, जेल, बर्बादी और तबाही है। संभलो, खुद को बदलो।’’
लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार राजनीति है
उन्होंने कहा, ‘‘ लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार राजनीति है। यही विकास के सारे मार्ग प्रशस्त करती है।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘मजलिस को भाजपा की ‘बी’ टीम कहने वाले लोग ये भूल गए है कि केन्द्र व प्रदेश में भाजपा को कामयाबी सपा,बसपा और कांग्रेस की गलत नीतियों से मिली है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ बिहार में भाजपा की जीत का उल्हाना मजलिस को दिया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि लालू (राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव) और कांग्रेस ने मिलकर वहां भाजपा की जीत का रास्ता साफ कर दिया।’’ ओवैसी ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि जागरूक रहना है विभिन्न पार्टियों के नेता आएंगे और आपसे पहले की तरह वोट मांगेंगे आपके हमदर्द बनेंगे। मगर याद रखना जब-जब मुस्लिमो पर आफ़ते आई है तो उनकी आवाज को मजलिस व ओवैसी ने संसद में उठाया है, न कि दूसरी पार्टियों ने।’’
ओवैसी का पीएम मोदी और योगी पर निशाना-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘योगी कहते हैं कि उत्तरप्रदेश में दंगे नहीं हुए है जबकि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट सीएए और एनआरसी के दंगों में पांच हजार लोगों के मारे जाने की तस्दीक कर रही है। कितना झुठ बोलोगे बाबा। मोदी जी कहते हैं कि 100 करोड़ लोगों को टीका लग गया है जबकि वास्तव में 31 प्रतिशत आबादी को ही खुराक लगी है।’’
ओवैसी ने दूसरे दलों के स्थानीय मुस्लिम जनप्रतिनिधियों पर क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि किठौर में 15 बरस तक सपा से शाहिद मंजूर विधायक और मंत्री रहे लेकिन किठौर का कोई उच्च स्तरीय विकास नहीं हो सका।