समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रमजान के पाक महीने का हवाला देते हुए पार्टी के कद्दावर नेता एवं सांसद मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार के सदस्यों को रिहा करने की गुजारिश की है। अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि आजम खां, उनकी पत्नी एवं बेटे को माहे रमजान के पवित्र दिनों में इबादत और रोजे का फर्ज अदा करने के लिए जेल से रिहा कर देना चाहिये।
उन्होने कहा कि आजम खां प्रदेश के प्रतिष्ठित राजनेता है। वे कई बार मंत्री और विधायक रह चुके हैं। वे राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। वर्तमान में वे रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय जैसा उच्च शैक्षणिक संस्थान उन्हीं की देन है। उनकी पत्नी भी विधायक है। दोनों बीमार है। आजम साहब का बेटा अब्दुल्ला आजम भी विधायक रहे है। सरकार इन सबके साथ जो व्यवहार कर रही है वह अशोभनीय है।
यादव ने आरोप लगाया कि आजम खां के प्रति सत्तादल एवं उसकी सरकार विद्वेषपूर्ण व्यवहार कर रही है। सरकार के इशारे पर उन पर तमाम फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए हैं और उन्हें जेल में रखकर प्रताड़त किया जा रहा है। सत्तादल उनकी छवि बिगाड़ने पर तुला है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार के आचरण से समाज का एक वर्ग बुरी तरह आतंकित है। उसमें असुरक्षा की भावना फैल रही है। आजम खां भाजपा की बदले की भावना के शिकार हैं।
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भाजपा हर मामले को साम्प्रदायिक रंग देने का काम कर रही है। समाज में सछ्वाव कायम रखने के लिए आवश्यक है सबके साथ न्याय होना चाहिए, यही शासन की सम्दृष्टि का परिचय होता है। अखिलेश ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में लोग संयम, इबादत के साथ सबके भले के लिए दुआएं करते हैं। मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार को भी देश के स्वतंत्र नागरिक के रूप में अपने धार्मिक फर्ज की अदायगी का पूरा अवसर मिलना चाहिए।