उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद इलाके में एक निजी अस्पताल द्वारा अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। दरअसल डेंगू रोगी के परिवार ने अस्पताल पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि मृत होने के बावजूद अस्पताल ने व्यक्ति को वेंटिलेटर पर रखा। इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें परिचारक को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि परिवार के सदस्यों को बताया गया था कि, उनका मरीज जीवित है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि, उनमें से एक व्यक्ति अस्पताल के आईसीयू में जाने में कामयाब रहा और उसने पाया कि मशीन बंद थी, और मरीज मृत पड़ा था। क्लिप में खाली कुर्सियों को भी दिखाया गया है, जो दर्शाता है कि क्षेत्र में कोई अस्पताल कर्मचारी मौजूद नहीं था।
मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी : अस्पताल के अधिकारी
मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वीडियो में लगाए गए कथित आरोपों की जांच की जाएगी। इस मामले में ‘ब्राइट स्टार अस्पताल’ के प्रबंधन ने आरोपों से इनकार किया है। अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) मुकेश कुमार ने कहा कि डेंगू से पीड़ित दो गंभीर रोगियों को अस्पताल में न ‘पल्स रेट’ और न ही ‘रक्तचाप’ के साथ भर्ती कराया गया था। वे पहले से ही गंभीर थे और ऐसे मामलों में , जीवित रहना लगभग असंभव होता है। इस प्रकार, उन्होंने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया।
पहले भी चर्चा में रहा है अस्पताल
मुरादाबाद का यह अस्पताल कुछ महीने पहले भी खबरों में था, जब कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 घंटे के भीतर 15 कोविड रोगियों की मौत हो गई थी। इससे पहले मंगलवार को डेंगू के तीन मरीजों संभल के इंद्रपाल, मुरादाबाद के कटघर की मिनी और मुंडा पांडे के उस्मान के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था, जिनकी एक घंटे के भीतर मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। कथित वीडियो का संज्ञान लेते हुए, डॉ एम.सी. मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) गर्ग ने कहा कि डिप्टी सीएमओ को मामले की जांच करने और मौतों का ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है।