सुप्रीम कोर्ट ने पिछले डेढ से दो दशकों से आगरा जेल में बंद 13 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का गुरुवार को आदेश दिया। 14 से 22 साल से जेल में बंद इन कैदियों की उम्र घटना के वक़्त 18 साल से कम थी। मामले में कोर्ट ने बीती एक जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने सभी 13 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने आदेश देते हुए कहा, ‘‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि इन 13 याचिकाकर्ताओं को किशोर न्याय बोर्ड ने जुवेनाइल (किशोर) घोषित किया था। उन्हें निजी बॉण्ड जमा कराने की शर्त पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाये।’’
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से पेश वकील गरिमा प्रसाद ने भी इन कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने को लेकर सहमति जतायी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि किशोर न्याय बोर्ड ने यह स्थापित कर दिया है कि घटना के दौरान इन कैदियों की आयु 18 साल से कम थी, इसके बावजूद ये कैदी 14 से 22 साल से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।