जेवर में बनने वाले हवाई अड्डे के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में हवाई यातायात ढांचे को मजबूती प्रदान करने की परियोजना पर काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के विकास में नयी इबारत लिखेगा और इससे एक लाख करोड रूपये का निवेश आएगा ।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा, ”जेवर एयरपोर्ट यूपी ही नहीं देश के विकास में एक नई इबारत लिखेगा। इसके जरिए न केवल एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा बल्कि एक लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा।” उन्होंने कहा, ”गौतमबुद्घ नगर में बनने वाले जेवर एयरपोर्ट के लिए निर्माता कंपनी का चयन कर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार की विकासपरक सोच को पंख लगाने की पूरी तैयारी कर ली है।”
चंद्रमोहन ने कहा कि यूपी में हवाई यातायात को गति देने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। पूर्वांचल के सुदूर पिछड़े इलाके कुशीनगर में हवाईअड्डे को नया रूप देने का कार्य तेजी से शुरू हो चुका है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने एयरपोर्ट की पुरानी बिल्डिंग को बदलकर इसे नए टर्मिनल में तब्दील करने के लिए बजट जारी किया है। इसके अलावा गोरखपुर के हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए यहां पर भूमिगत सुरंग और फुटवे तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटी प्रदेश की योगी सरकार ने यहां पर हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 640 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। चन्द्रमोहन ने कहा कि इसी तरह चित्रकूट जिले की देवांगना हवाई पट्टी पर जल्द से जल्द विमान उतारने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ”प्रदेश के हर कोने पर तेजी से विकसित होते हवाई अड्डे न केवल यूपी की छवि में इजाफा करेंगे बल्कि विकास के लिए भी ये उत्प्रेरक का कार्य करेंगे। इसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा जो प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनेगी। ’’
उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में बनने वाले देश के सबसे बड़े जेवर हवाई अड्डे को बनाने का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को मिला है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तीसरा हवाई अड्डा होगा। प्रवक्ता ने बताया कि जेवर हवाई अड्डे का नाम नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होगा। जब हवाई अड्डा पूरी तरह बन जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर में फैला रहेगा। इसे बनाने में 29,560 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि जेवर हवाई अड्डे को पांच हजार हेक्टेयर में बनाया जाना है और यह भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।
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प्रवक्ता ने बताया कि अधिगृहीत जमीन पर जल्द ही पिलर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। एयरपोर्ट के पहले चरण के तहत 1239 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। 1239 हेक्टेयर भूमि में से 77 फीसदी यानी करीब 950 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा वितरण हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस पर छह से आठ रनवे होंगे जो भारत में स्थित सभी हवाई अड्डों में सबसे ज्यादा होंगे। हवाई अड्डे का पहला चरण 1,334 हेक्टेयर में फैला होगा और इस पर 4,588 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिकारियों ने बताया कि पहला चरण 2023 में पूरा होने की उम्मीद है।